इन जगहों पर न करें घर का निर्माण, हो सकती है परेशानी, जानें क्या कहता है वास्तुशास्त्र
वास्तु शास्त्र में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि हमें कहां घर नहीं बनवाना है. भविष्य पुराण हमें बताता है कि कुछ जगह ऐसी भी होती हैं जहां कभी घर नहीं बनाना चाहिए.

नया घर खरीदने या बनवाते वक्त यूं तो हम बहुत सी बातों का ध्यान रखते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि हिंदू शास्त्र इस बारे में क्या कहते हैं. वास्तु शास्त्र में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि हमें कहां घर नहीं बनवाना है. भविष्य पुराण हमें बताता है कि कुछ जगह ऐसी भी होती हैं जहां कभी घर नहीं बनाना चाहिए.
वास्तु के जानकार पंडित शशिशेखर त्रिपाठी का कहना है वास्तु मुख्यत: वेव और वाइब्रेशन (Wave and Vibration) या तत्वों पर आधारित हैं. लेकिन जिस प्लॉट या भूखंड पर घर बनना है उसकी दिशा और डाइमेंशन भी बहुत अहमित रखती है.
शशिशेखर त्रिपाठी के मुताबिक जहां-जहां वाइब्रेशन डिस्टर्ब हैं वहां घर नहीं बनाना चाहिए या जहां शुद्धता की चरम सीमा हो जैसे मंदिर ऐसे स्थानों पर भी घर बनवाने से बचना चाहिए.
पंडित शशिशेखर ने कहा कि जिन जगहों पर नेगेटिव एनर्जी का वास हो जैसे अस्पताल, श्मशान या कब्रिस्तान, वहां पर वास्तु के मुताबिक घर बनवाना वर्जित है. अस्पताल में अक्सर लोग कई कारणों से रोते हैं तो इससे एक निगेटिव एनर्जी पैदा होती है.
शशिशेखर त्रिपाठी के मुताबिक जिन जगहों की वाइब्रेशन खराब हैं जहां चीख पुकार होती हैं जैसे घर के बगल में बूचड़खाने का होना ऐसी जगहों पर रहने से निगेटिव बाइब्रेशन उठती हैं जो आपके मन मष्तिक को नकारात्मकता से भर देती हैं.
‘प्लॉट की दिशा और डाइमेंशन का भी है महत्व है’ शशिशेखर त्रिपाठी ने कहा कि जिस भूखंड पर घर का निर्माण हो रहा है वह भी बहुत महत्वपूर्ण है. उसकी दिशा, डाइमेंशन की भी अहम भूमिका है. मान लिजिए कोई आदमी अस्पताल के बगल में रह रहा है लेकिन उसके घर की आंतरिक वास्तु अच्छी है तो उसे अस्पताल के पास रहने कोई दिक्कत नहीं होगी. यह भी पढ़ें:
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