Crop Insurance: फसल बीमा योजना में बढ़ा किसानों का भरोसा, पिछली बार से ज्यादा किसानों ने करवाया फसलों का बीमा
PMFBY Scheme Update: इस साल राज्य के करीब 91.91 लाख किसानों ने फसल बीमा के लिये अप्लाई किया है, जिसके तहत 54.24 लाख हेक्टेयर खेती योग्य जमीन को सुरक्षा कवच मिला है.

Highest Crop Insurance than Last Year: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत भारतीय किसानों और उनकी फसलों की जोखिमों से सुरक्षा कवच प्रदान करती है. ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना के प्रति जागरुक करने के लिये कार्यक्रम भी चलाये जाते रहे हैं. यही कारण है कि पिछले साल के मुकाबले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत अधिक आवदेन प्राप्त हुये हैं. खेती में बढते जोखिमों के कारण भी ज्यादा से ज्यादा किसानों ने इस साल फसल बीमा का रास्ता अपनाया है.
महाराष्ट्र कृषि विभाग ने जारी किये आंकड़े
महाराष्ट्र (Maharashtra) के आंकड़ों के बारे में खरीफ सीजन की शुरुआत में ही मौसम के बदलते रुख से सबक लेते हुये करीब 91.91 लाख किसानों ने फसल बीमा के लिये अपलाई किया है, जिसके तहत करीब 54.24 लाख हेक्टेयर खेती योग्य जमीन को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है. वहीं पिछले साल ये आंकडा सिर्फ 84.07 लाख आवेदनों तक ही सीमित था.
बीमा कंपनियों पर कसेगी लगाम
पिछले दिनों प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहद बीमा करने वाले कंपनियों की मनमानी और कवरोज ना देने की खबरे सामने आ रही थीं, जिसके कारण कई किसानों का भरोसा इस योजना से कम होता जा रहा था, लेकिन महाराष्ट्र राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान 'बीड मॉडल' के रूप में निकाला है. राज्य सरकार इस मॉडल को लागू करेगी, जिससे भुगतान किये जाने वाले मुआवजे की राशि के पार ना करने की परिस्थिति में किसानों से लिये गये प्रीमियम की राशि वापस करना होगी. इससे बीमा कंपनियों की मनमानी को रोककर किसानों के हितों की रक्षा हो सकेगी.
क्यों जरूरी है फसल बीमा
जाहिर है कि मौसम की अनिश्चितताओं और दूसरे जोखिमों के कारण किसानों की चिंतायें काफी बढ़ गई है. इस साल भी महराष्ट्र के किसानों को मानसून की शरुआत में ही काफी नुकसान झेलना पड़ा था, लेकिन अब फसलों को सुरक्षा कवच (Crop Insurance in India) प्रदान करके किसान चिंतामुक्त होकर खेती कर सकते हैं. बता दें कि फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) के तहत किसानों को 2 से 3 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होता है.
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