एक्सप्लोरर

Sugar Apple: पथरीले चट्टानी इलाकों में इस फल को उगाकर कमायें बंपर मुनाफा, जानें खासियत

Sugar Apple Cultivation: बेकार पड़ी सूखी-चट्टानी जमीन में प्रबंधन कार्य करके शरीफा की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दे सकते हैं. इससे जमीन का सही इस्तेमाल और क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढेंगे.

Sharifa-Sugar Apple Cultivation: भारत के फल बाजारों में चीनी सेब यानी शरीफा (Sugar Apple) काफी धूम मचा रहा है. अपने सॉप्ट टेस्ट और मिठास के कारण ये ग्राहकों के बीच फेमस है, साथ ही कम सिंचाई के बावजूद चट्टानी इलाकों में बेहतरीन उपज देने के कारण ये किसानों की भी पसंद बन चुका है. फिलहाल इसकी खेती महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat)के चट्टानी इलाकों में की जा रही है.

बिहार, उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुछ किसान भी शरीफा की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. बता दें कि शरीफा देसी फल नहीं है, इसके बावजूद बाजार में इसकी काफी मांग रहती है. ये फल पथरीले इलाकों में भी किसानों को भरपूर उत्पादन देकर आमदनी का नया जरिया बनता जा रहा है.

इस तरह करें शरीफा की खेती (Sugar Apple Cultivation Process)
शरीफा की खेती करने के दो तरीके होते हैं, जिनमें बीज से पौधे तैयार करना और तैयार पौधों से बागवानी करना शामिल है. बीजों को अंकुरित होने में 35 से 40 दिन का समय लग जाता है, जिसके बाद पौधा 4 से 6 साल बाद ही फल देने लायक होता है. यही कारण है कि प्रमाणित नर्सरी से पौधा खरीदकर लगाने से 4 साल में ही शरीफा का बाग विकसित हो जाता है. समय-समय पर सही देखभाल करने से एक पेड़ से करीब 50 फल मिलने लगते हैं.


Sugar Apple: पथरीले चट्टानी इलाकों में इस फल को उगाकर कमायें बंपर मुनाफा, जानें खासियत

शरीफा की बागवानी और देखभाल (Management of Sugar Apple Tree)
दूसरे फलों के मुकाबले शरीफा यानी चीनी सेब के पेड़ की देखभाल करना बेहद आसान है. चीनी सेब के पेड़ गर्मी और सूखा सहन कर लेते हैं, लेकिन कीट, बीमारियों के साथ-साथ ज्यादा बारिश और जल भराव की समस्या से नुकासन की संभावना बनी रहती है. 

  • खासकर शरीफा के पेड़ में  सफेद मक्खी और खस्ता फफूंदी का संकट बढ़ जाता है, हालांकि इससे उपज पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता. इस समस्या से निपटने के लिये जैविक कीट नियंत्रण से भी काम हो जाता है. 
  • शरीफा के पेड़ या पौधों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती. किसान चाहें तो ड्रिप सिंचाई तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे सीधा जडों को पोषण मिलता ही है, साथ ही पानी और श्रम की खास बचत होती है.
  • इसके बागों से फलों की अच्छी पैदावार लेने के लिये पोषण प्रबंधन भी जरूरी है. इसके लिये 3-10-10 (N-P-K) उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • शरीफा के बागों की अच्छी बढ़वार के लिये हर दो महीने में जीवामृत या जैविक खाद (वर्मी कंपोस्ट) पौधों की जड़ों में डालना लाभकारी रहता है.
  • बता दें कि शरीफा के पौधों की लकड़ी नाजुक होती है, जो तेज हवा से टूट सकती है. ऐसी स्थिति में शरीफा के पौधों को बांस या लकड़ी सहारा देकर फलों का उत्पादन ले सकते हैं.
  • फसल में कीट-रोगों की रोकथाम के लिये समय-समय पर निगरानी और जैविक कीट नियंत्रण कार्य करते रहें. 
  • इसके फलों को बीमारियों से बचाने के लिये प्लास्टिक, कागज या पॉलीथीन बैग से भी ढंकना लाभकारी रहता है.

शरीफा की खेती के फायदे और कमाई (Income & Benefits of Sugar Apple Farming) 
भारत में कई चट्टानी इलाके (Rocky Areas)  ऐसे हैं, जहां किसी फसल का उत्पादन नहीं होता. ये इलाके वीरान पड़े होते हैं. ऐसे में सही प्रबंधन कार्य करके उन्हें शरीफा की खेती(Sugar Apple Cultivation)  के लिये तैयार किया जा सकता है. इससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा और किसानों को बेहतर आमदनी लेने में मदद मिलेगी. 

  • बेकार पड़ी सूखी-चट्टानी जमीन का सही इस्तेमाल करके शरीफा (Sugar Apple) की व्यावसायिक खेती (Commercial Farming) को बढ़ावा दे सकते हैं.
  • एक अनुमान के मुताबिक शरीफा की व्यावसायिक खेती करने पर प्रति एकड़ बाग से 25,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये की आमदनी ले सकते हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें:-

Farming Technique: एक ही खेत से निकलेंगे फल, सब्जी और अनाज, ये हैं डबल कमाई वाले खेती के खास तरीके

Hydroponic Farming: किसानों के लिये बड़ी खुशखबरी, इन 4 फलों को उगाने के लिये खेत-मिट्टी की जरूरत नहीं, यहां जानें कैसे

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'उनकी आत्मा को शांति मिले', बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
'उनकी आत्मा को शांति मिले', बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
BMC चुनाव के लिए अजित पवार की NCP ने जारी की दूसरी उम्मीदवार सूची, 27 कैंडिडेट्स के नाम शामिल
BMC चुनाव के लिए अजित पवार की NCP ने जारी की दूसरी उम्मीदवार सूची, 27 कैंडिडेट्स के नाम शामिल
Khaleda Zia Net Worth: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया कितनी संपत्ति छोड़ गईं, जानें नेटवर्थ
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया कितनी संपत्ति छोड़ गईं, जानें नेटवर्थ
डॉन ब्रैडमैन की ऐतिहासिक बैगी ग्रीन कैप नीलामी के लिए तैयार, जनवरी 2026 में लगेगी बोली
डॉन ब्रैडमैन की ऐतिहासिक बैगी ग्रीन कैप नीलामी के लिए तैयार, जनवरी 2026 में लगेगी बोली

वीडियोज

Gold Silver Rally 2025: क्या 2026 में भी Precious Metals बनेंगे Investor के Real Winners? |PaisaLive
Mumbai Accident Breaking: बेकाबू बस ने कैसे मचाई तबाही? चश्मदीद ने बताई आखों -देखी | Breaking
Bitcoin की Recovery की कहानी | Crash के बाद Market क्या दिखा रहा है | Paisa Live
Luxury Real Estate का नया Face | Clean Air अब बन गया Premium Feature | Paisa Live
Angel Chakma Case: एंजेल के लिए इंसाफ की गुहार.. क्या बोली सरकार? | Dehradun | Tripura | CM Dhami

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'उनकी आत्मा को शांति मिले', बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
'उनकी आत्मा को शांति मिले', बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
BMC चुनाव के लिए अजित पवार की NCP ने जारी की दूसरी उम्मीदवार सूची, 27 कैंडिडेट्स के नाम शामिल
BMC चुनाव के लिए अजित पवार की NCP ने जारी की दूसरी उम्मीदवार सूची, 27 कैंडिडेट्स के नाम शामिल
Khaleda Zia Net Worth: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया कितनी संपत्ति छोड़ गईं, जानें नेटवर्थ
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया कितनी संपत्ति छोड़ गईं, जानें नेटवर्थ
डॉन ब्रैडमैन की ऐतिहासिक बैगी ग्रीन कैप नीलामी के लिए तैयार, जनवरी 2026 में लगेगी बोली
डॉन ब्रैडमैन की ऐतिहासिक बैगी ग्रीन कैप नीलामी के लिए तैयार, जनवरी 2026 में लगेगी बोली
नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से हुआ अर्चना पुरन सिंह का दाहिना कान खराब? हुआ बड़ा खुलासा
नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से हुआ अर्चना पुरन सिंह का दाहिना कान खराब?
Toilet Paper Health Risks: पॉटी करने के बाद टॉयलेट पेपर यूज करते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं कई बीमारियां
पॉटी करने के बाद टॉयलेट पेपर यूज करते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं कई बीमारियां
ये महिलाएं नहीं कर पाएंगी दिल्ली की सरकारी बसों में फ्री में ट्रैवल, घर से निकलने से पहले जान लें काम की बात
ये महिलाएं नहीं कर पाएंगी दिल्ली की सरकारी बसों में फ्री में ट्रैवल, घर से निकलने से पहले जान लें काम की बात
पॉलिटिक्स नहीं, इस काम में रेहान वाड्रा की दिलचस्पी, जानें अपने मामा राहुल गांधी और मां प्रियंका गांधी से कितने अलग?
पॉलिटिक्स नहीं, इस काम में रेहान वाड्रा की दिलचस्पी, जानें अपने मामा राहुल गांधी और मां प्रियंका गांधी से कितने अलग?
Embed widget