ईरान के पास परमाणु बम होने से क्या होगा नुकसान?
22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, जिसमें फोर्डो सहित 3 स्थलों को नष्ट करने का दावा किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तुरंत घोषणा की कि 'ईरान के सभी न्यूक्लियर ठिकाने पूरी तरह तबाह कर दिए गए हैं।' इसके दो दिन बाद, 24 जून 2025 को, ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन के बाद युद्धविराम लागू हो गया। हालाँकि, 25 जून 2025 को अमेरिकी मीडिया ने खुफिया रिपोर्टों के हवाले से दावा किया कि 'ईरान के एटमी ठिकानों पर अमेरिकी हमला असरदार नहीं रहा।' रिपोर्ट में बताया गया कि 'हमले में ईरान के अंडरग्राउंड एटमी ठिकाने ढहे नहीं' और 'हमले से पहले ही ईरान ने संवर्धित यूरेनियम छुपा लिया था,' जिसे एक गुप्त स्थान पर ले जाया गया था। इन दावों पर ट्रंप भड़क गए और उन्होंने इसे 'फर्जी' करार दिया, साथ ही कहा कि यह 'अमेरिकी सैन्य हमले को बदनाम करने की कोशिश' है और 'हमारे पायलटों के लिए बहुत अपमानजनक' है। ट्रंप ने दृढ़ता से दोहराया कि 'ईरान में परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं' और 'ईरान परमाणु हथियार नहीं बना पाएगा,' क्योंकि 'अमेरिका सैन्य रूप से ऐसा नहीं होने देगा।' उन्होंने यह भी कहा कि 'ईरान का परमाणु कार्यक्रम दशकों पीछे चला गया है' और 'ईरान शायद अब परमाणु हथियार नहीं बनाएगा,' यह दावा करते हुए कि 'हम अभी ईरान के साथ बहुत अच्छे से रह रहे हैं' और 'ईरान पर हमले ने युद्ध को समाप्त कर दिया।' इस बीच, इजरायल ने दावा किया कि उसने रात भर ड्रोन रोके और ईरान का ड्रोन से हमला जारी रहा, जबकि ईरान ने दावा किया कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने ड्रोन मार गिराए और मोसाद के 6 जासूस पकड़े गए।

























