Veer Sawarkar पर Asaduddin Owaisi के बयान पर भड़के वीर सावरकर के पोते, सुनिए क्या कुछ कहा
ओवैसी के बयान पर इतिहास की किताब लेकर एबीपी न्यूज पर आए, वीर सावरकर के पोते AIMIM की शुरुआत से लेकर आगे बढ़ने का कच्चा चिट्ठा खोला ओवैसी सबसे बड़ा झूठा है, 1925 में जब कोई राजनेता छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में जानकारी नहीं रखता था तब सावरकर ने हुतात्मा छत्रपति नाम का लेख लिखा था । ओवैसी को कहना चाहूंगा टीपू सुल्तान ने खुद की लिए युद्ध किया , उसकी तो तलवार पर लिखा था काफिरों को या जो मुस्लिम नहीं है उनका कत्ल करो । टीपू सुल्तान जैसे आतंकी को स्वतंत्रता सेनानी से जोड़ते है यह ? ओवैसी की पॉलिटिकल चाल है यह । ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हो । ओवैसी के पुरखे निजाम के यहां नौकरी कर रहे थे, रजाकारो के साथ धर्मांतरण करवाते थे । 1944 में कासिम रिजवी जो अब ऑल इंडिया MIM है तब MIM थी उसके साथ रजाकर आर्मी फॉर्म की , मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने जो मां का जिक्र किया था तो वो गांव इन रजाकारों ने ही जलाया था । रिजवी ने अब्दुल ओवैसी को पाकिस्तान जाने से पहले MIM सौंपी । इनकी परंपरा औरंगजेब की परंपरा है । इनके छोटे भाई ने जो 15 मिनट की बात कही थी इनकी यही सोच है औरंगज़ेब वाली , यह लोग यहां के मुसलमानों को पाकिस्तान की तरह पोलराइज करने के लिए जान बूझकर कर रहे है । कांग्रेस की सरकार ने वीर सावरकर को पाठ्यक्रम में भी शामिल नहीं होने दे, औरंगजेब को सूफी संत बनाना मान्य नहीं है । कब्र हटाना चाहिए, इनको तो औरंगाबाद का नाम बदलना भी मंजूर नहीं था उसका विरोध किया


























