बाढ़ बारिश से बिगड़े हालात घर, मकान सब डूबा
भारत में मौसम के पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है. कहीं अत्यधिक बारिश हो रही है तो कहीं सूखे जैसे हालात बन रहे हैं. बिहार में पिछले दस सालों में सिर्फ तीन बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जबकि सात बार कम बारिश दर्ज की गई है. यह स्थिति 12 करोड़ की आबादी वाले बिहार के लिए चिंता का विषय है, जहाँ दो-तिहाई लोग खेती पर निर्भर हैं. ओडिशा के राउरकेला शहर में भारी बारिश के बाद गाड़ियाँ और बाइकें डूब गईं, और गुरुग्राम में भी ऐसी ही जलभराव की स्थिति देखी गई. विशेषज्ञों के अनुसार, 'बादल फटने की घटनाओं में पिछले 10 सालों में मानव केंद्रीय जलवायु परिवर्तन की वजह से लगभग 1000 से 1100% की वृद्धि हुई है.' यह वृद्धि विशेष रूप से हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में देखी गई है. भारतीय उपमहाद्वीप एक ही समय में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे और अप्रत्याशित विनाशकारी बाढ़ दोनों से प्रभावित है.भारत में मौसम के पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है. कहीं अत्यधिक बारिश हो रही है तो कहीं सूखे जैसे हालात बन रहे हैं. बिहार में पिछले दस सालों में सिर्फ तीन बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जबकि सात बार कम बारिश दर्ज की गई है. यह स्थिति 12 करोड़ की आबादी वाले बिहार के लिए चिंता का विषय है, जहाँ दो-तिहाई लोग खेती पर निर्भर हैं. ओडिशा के राउरकेला शहर में भारी बारिश के बाद गाड़ियाँ और बाइकें डूब गईं, और गुरुग्राम में भी ऐसी ही जलभराव की स्थिति देखी गई. विशेषज्ञों के अनुसार, 'बादल फटने की घटनाओं में पिछले 10 सालों में मानव केंद्रीय जलवायु परिवर्तन की वजह से लगभग 1000 से 1100% की वृद्धि हुई है.' यह वृद्धि विशेष रूप से हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में देखी गई है. भारतीय उपमहाद्वीप एक ही समय में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे और अप्रत्याशित विनाशकारी बाढ़ दोनों से प्रभावित है.


























