CM पर द्वंद, Rahul Gandhi को Tejashwi yadav नहीं पसंद?
बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई, जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के हालिया चुनावों में प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया. एक वक्ता ने कहा कि RJD 2020 और 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ उपचुनावों में भी करारी हार के बाद भी अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि जनता ने RJD की वापसी की कल्पना करने से भी इनकार कर दिया है, क्योंकि उन्हें 90 से 2005 का दौर याद है. बहस में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बने रहने पर भी सवाल उठाए गए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास उनसे दोगुनी सीटें हैं. एक वक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2020 के नतीजों के बाद खुद मुख्यमंत्री न बनने की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दबाव के बाद उन्होंने यह फैसला स्वीकार किया. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार की स्वीकार्यता पर कभी सवाल नहीं उठे. चर्चा में यह भी सामने आया कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने में हिचकिचाहट दिखाई है, जिससे गठबंधन के भीतर आत्मविश्वास की कमी दिख रही है. एक वक्ता ने कहा, "जनता ने मन बना लिया है. आम लोगों ने राजद की वापसी के उनकी कल्पना करने से भी इनकार कर दिया."बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई, जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के हालिया चुनावों में प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया. एक वक्ता ने कहा कि RJD 2020 और 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ उपचुनावों में भी करारी हार के बाद भी अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि जनता ने RJD की वापसी की कल्पना करने से भी इनकार कर दिया है, क्योंकि उन्हें 90 से 2005 का दौर याद है. बहस में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बने रहने पर भी सवाल उठाए गए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास उनसे दोगुनी सीटें हैं. एक वक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2020 के नतीजों के बाद खुद मुख्यमंत्री न बनने की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दबाव के बाद उन्होंने यह फैसला स्वीकार किया. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार की स्वीकार्यता पर कभी सवाल नहीं उठे. चर्चा में यह भी सामने आया कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने में हिचकिचाहट दिखाई है, जिससे गठबंधन के भीतर आत्मविश्वास की कमी दिख रही है. एक वक्ता ने कहा, "जनता ने मन बना लिया है. आम लोगों ने राजद की वापसी के उनकी कल्पना करने से भी इनकार कर दिया."

























