Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में ध्वजारोहण बंगाल में बाबरी पर रण! Bengal SIR | ABP News
भगवान राम की नगरी अयोध्या में.. अयोध्या इस वक्त त्रेता युग में लौट आई है.. क्योंकि वो शुभ घड़ी आने वाली है.. जब राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा लहराएगी.. कल यानी 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे... धर्म ध्वजा इस बात का प्रतीक है कि भगवान श्री राम मंदिर अब संपूर्ण है.. मंदिर के शिखर पर फहरता हुआ ध्वज देवी-देवताओं की उपस्थिति और दिव्य संरक्षण का प्रतीक होता है.. यानी ये कार्यक्रम.. सनातनी आस्था का सबसे बड़ा समारोह है.. लेकिन जब अयोध्या में ध्वजारोहण की तैयारी हो रही है.. तब पश्चिम बंगाल में बाबरी पर रण हो रहा है.. जब अयोध्या में राम दरबार सज रहा है.. तब मुर्शिदाबाद में बाबरी के विचारों का नए सिरे से विस्तार हो रहा है. जो विवाद दस्तावेज बन चुका है. जिसे भुलाकर देश आगे बढ़ चुका है....इस मौके पर यानी ध्वजारोहण के मौके पर कुछ लोग फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इस सवाल को बल मिला पश्चिम बंगाल से.. जहां TMC के विधायक हुमायूं कबीर नेअयोध्या से करीब 900 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया... और दावा किया है कि 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे, 6 दिसंबर वही तारीख है जिस दिन अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया था.. अब आप जरा इस ऐलान की टाइमिंग पर गौर करिए.. ये बयानबाजी तब जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराने जा रही है.. ये एलान तब जब लगभग 4-5 महीने बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव होने जा रहा है....मस्जिद कहीं भी बन सकती है और देश में हजारों मस्जिदें बनी भी है. आगे भी बनेंगी.. लेकिन जो बाबरी मस्जिद बरसों तक विवाद की जड़ में रही, उसके नाम पर ही मस्जिद क्यों बनाई जा रही है? 6 दिसंबर को ही नई बाबरी मस्जिद की नींव क्यों रखे जाने का ऐलान हो रहा है?.. क्या सियासी फायदे के लिए तुष्टिकरण को इस देश के सियासी दलों ने हर बार का हथियार बना लिया है..


























