Why the Indian Rupee Is Crashing in 2025 | Dollar Surge, Trade War Impact | Paisa Live
2025 में डॉलर की तेजी और वैश्विक आर्थिक दबावों ने भारतीय रुपये को गंभीर दबाव में डाल दिया है. रुपये में इस साल लगभग 4.3% की गिरावट हुई है, जिससे यह एशिया की सबसे कमजोर करंसी बन गया है. अमेरिकी tariffs, trade deal की अनिश्चितता, उच्च US interest rates और foreign investors द्वारा भारी बिक्री ने डॉलर की मांग बढ़ा दी और रुपया और कमजोर हुआ. भारत की भारी import dependence, खासकर crude oil, electronics और fertilisers पर, current account deficit को बढ़ाती रही है. RBI ने बाजार में समय-समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन केवल volatility नियंत्रित करने के लिए, fixed rate बचाने के लिए नहीं. Imported inflation बढ़ रही है, कंपनियों के डॉलर loans महंगे हो रहे हैं और energy और industrial goods की कीमतें ऊपर जा रही हैं. यह वीडियो विस्तार से बताता है कि रुपये की कमजोरी के पीछे क्या कारण हैं, इसका असर भारतीय economy और उपभोक्ताओं पर क्या पड़ रहा है, और आगे क्या संभावनाएं हैं. साथ ही यह समझाता है कि क्या यह एक लंबी structural slide है या 2025 के trade shocks का असर.

























