Most Infamous Markets Of Delhi: ये हैं दिल्ली के सबसे बदनाम मार्केट, यहां कौड़ियों के दाम में मिल जाता है सामान
Most Infamous Markets Of Delhi: दिल्ली की गलियों में छुपी ये बदनाम मार्केट्स केवल सस्ते सौदों की जगह नहीं, बल्कि रहस्यों की परतों का ऐसा जाल हैं जिनकी सच्चाई जितनी खोजो, उतनी गहरी मिलती हैं.

Most Infamous Markets Of Delhi: दिल्ली के दिल में कुछ ऐसी गलियां भी धड़कती हैं, जहां हर कदम पर एक अनकही कहानी छिपी मिलती है. ऐसी कहानी, जिसे लोग जानते तो हैं, लेकिन बोलने से डरते हैं. ये वही बाजार हैं, जिनके नाम लेते ही दिमाग में सस्ते सौदों की चमक और अवैध कारोबार की छाया एक साथ उभर आती है. दिन में भीड़ की रौनक और रात में रहस्यों की परतें…दिल्ली के इन बदनाम मार्केट्स की दुनिया ऐसी है कि कोई भी पहली बार आए, तो लौटने से पहले सौ बार सोचे. आइए इनके बारे में जानें.
चोर बाजार
सबसे पहले बात करते हैं चोर बाजार की. नाम जैसा, काम भी वैसा ही. कई लोगों के लिए यह उस चीज को वापस पा लेने की आखिरी उम्मीद बन जाता है जो उनसे छिन चुकी होती है, क्योंकि अक्सर चोरी हुआ सामान यहीं किसी नए खरीददार को नया रूप देकर बेच दिया जाता है. सेकेंड हैंड से लेकर खोए हुए मोबाइल तक, यहां मिलने वाला सामान यह एहसास जरूर दिलाता है कि इस बाजार का हर कोना किसी न किसी कहानी का मूक गवाह है.
पहाड़गंज मार्केट
इसके बाद आती है पहाड़गंज मार्केट. बैकपैकरों की पहली पसंद और दिल्ली के पुराने दौर की पहचान है. लेकिन इस भीड़भाड़ में कुछ ऐसे कोने भी हैं जहां निगाहें ठहरती नहीं, बस फिसल जाती हैं. ड्रग्स, फेक आईडी, अवैध विदेशी आइटम… सब कुछ ऐसा जैसे किसी फिल्म के अंडरग्राउंड सेट की झलक हो. यहां असली और नकली चीजों की रेखाएं इतनी धुंधली हो जाती हैं कि फर्क समझ पाना मुश्किल हो जाता है.
पालिका बाजार
अब पहुंचते हैं पालिका बाजार, कनॉट प्लेस के दिल में बसा वह अंडरग्राउंड बाजार जहां घुसते ही आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी अलग ही दुनिया में आ गए हों. रोशनी कम, दुकानें तंग, लेकिन सामान चमकता हुआ. असली है या नकली? यह तय करने में खरीदार की समझ काम आती है, क्योंकि इस बाजार की सबसे बड़ी पहचान है, यहां मिलने वाले फेक सॉफ्टवेयर, डुप्लीकेट गैजेट्स और सस्ते इलेक्ट्रॉनिक आइटम. सौदा ऐसा कि जेब को लगे राहत लेकिन दिमाग में उठे शक की हल्की गूंज.
टैंक रोड
इसके बाद नंबर आता है टैंक रोड का, जो फैशन प्रेमियों की पहली पसंद है. यहां मिलने वाली ब्रांडेड जींस देखकर कोई भी धोखा खा जाए, लेकिन असलियत जानने वालों को पता है कि ये मार्केट असल में डुप्लीकेट्स की दुनिया है. असली जैसा दिखता नकली, चमकदार लेकिन आधे दाम… टैंक रोड की पहचान यही है. ब्रांड के नाम पर कपड़ों की ऐसी कॉपी मिलती है कि आम ग्राहक भी उलझ जाए.
गांधी नगर मार्केट
अंत में बात गांधी नगर मार्केट की. एशिया के सबसे बड़े रेडीमेड गारमेंट हब में से एक है. यहां हजारों दुकानें, लाखों डिजाइन और करोड़ों के सौदे, लेकिन इसी व्यस्तता के बीच एक छुपा हुआ हिस्सा भी है, जहां ब्रांडेड जैकेट और कपड़े डुप्लीकेट रूप में नए जन्म लेते हैं. देखने में बिल्कुल असली, कीमत में बेहद कम… लेकिन हर प्रिंट, हर टैग के पीछे एक ऐसा सच छुपा होता है जिसे बाजार की हवा भी फुसफुसाते हुए बताती है.
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