किसी को बौना कहने पर कितनी मिल सकती है सजा, जानें क्या कहता है देश का कानून?
किसी की लंबाई, मोटापा, पतलापन, रंग या शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करना, जैसे किसी को बौना कहना, मोटा कहना, कालू कहना या हंसकर नीचा दिखाना एक तरह का क्राइम है. इसमें सजा भी हो सकती है.

भारत का संविधान हर नागरिक को बोलने और अपनी बात रखने की आजादी देता है. संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी भारतीयों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है. इसका मतलब यह है कि हर व्यक्ति अपनी राय रख सकता है, अपनी सोच जाहिर कर सकता है और खुलकर बोल सकता है. हालांकि, यह आजादी कुछ नियम और कायदों के साथ है. दरअसल, आज के समय में कई लोग इस आजादी का गलत यूज करने लगे हैं. मजाक, तंज या फ्री स्पीच के नाम पर लोग दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बातें कह देते हैं.
इन्हीं में से एक गंभीर समस्या बॉडी शेमिंग है. किसी की लंबाई, मोटापा, पतलापन, रंग या शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करना, जैसे किसी को बौना कहना, मोटा कहना, कालू कहना या हंसकर नीचा दिखाना. ये सभी बातें बॉडी शेमिंग के दायरे में आती हैं. अक्सर लोग इसे मजाक समझ लेते हैं, लेकिन जिस व्यक्ति पर ऐसी बातें कही जाती हैं, उसके लिए यह मानसिक तनाव, शर्मिंदगी और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला एक्सपीरियंस होता है. कई बार इसका असर इतना गहरा होता है कि व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है. ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं कि किसी को बौना कहने पर कितनी सजा मिल सकती है.
क्या भारत में बॉडी शेमिंग के लिए अलग से कानून है?
भारत में फिलहाल बॉडी शेमिंग के नाम से कोई अलग और सीधा कानून नहीं बनाया गया है यानी भारतीय कानून में ऐसा कोई शब्द या धारा नहीं है, जिसमें साफ-साफ लिखा हो कि बॉडी शेमिंग करना अपराध है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कोई भी व्यक्ति किसी को उसकी शारीरिक बनावट को लेकर अपमानित कर सकता है और उसे कोई सजा नहीं होगी.
किसी को बौना कहने पर कितनी सजा मिल सकती है
अगर कोई व्यक्ति किसी को बार-बार उसकी शारीरिक बनावट को लेकर नीचा दिखाता है, उसका मजाक उड़ाता है या अपमान करता है, तो यह मानहानि (Defamation) के अंतर्गत आ सकता है. मानहानि का मतलब है कि किसी व्यक्ति की सामाजिक छवि, सम्मान या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना. ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज कर सकता है. मानहानि के मामलों में दोषी पाए जाने पर आरोपी को दो साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
क्या कहता है देश का कानून?
अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि हम किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं. किसी को बौना, मोटा या उसकी शारीरिक बनावट के आधार पर अपमानित करना सिर्फ गलत ही नहीं, बल्कि कानूनी परेशानी का कारण भी बन सकता है. इसलिए जरूरी है कि बोलने से पहले हम सोचें, क्योंकि ये शब्द किसी की जिंदगी पर गहरा असर डाल सकते हैं.
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