पहलगाम हमले की वजह से क्या बंद हो जाएगा करतारपुर साहिब का रूट? जानें इससे जुड़ा हर अपडेट
करतारपुर कॉरिडोर एक वीजा-मुक्त सीमा क्रॉसिंग है, जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत की सीमा से जोड़ता है. पहलगाम हमले के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या इस कॉरिडोर को बंद कर दिया जाएगा.

Kartarpur Corridor after Pahalgam Terror : मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया है. इस हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई. देश में गुस्सा है. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान (Pakistan) को जिम्मेदार माना है. पाकिस्तान पर 5 कड़े फैसले लिए गए हैं. इसके बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को बताया कि भारत के एक्शन पर प्रतिक्रिया देने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान करतारपुर साहिब का रूट बंद कर सकता है. आइए जानते हैं इससे जुड़ा हर अपडेट...
पाकिस्तान पर भारत के 5 बड़े फैसले
1. सिंधु जल समझौता स्थगित
2. अटारी-वाघा चेक पोस्ट बंद. कानूनी तौर पर चेक पोस्ट पार करने वालों को 1 मई से पहले वापस जाना होगा.
3. पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट रद्द. इस वीजा पर पहले आए पाक नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ना पड़ेगा.
4. दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा और सैन्य सलाहकारों को हफ्तेभर में जाना होगा. ये पद अब खत्म माने जाएंगे. भारत भी इस्लामाबाद से अपने रक्षा सलाहकारों को बुलाएगा.
5. भारत और पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 1 मई से 55 की बजाय अब 30 होगी.
क्या करतारपुर साहिब का रूट बंद हो जाएगा
करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) एक वीजा-मुक्त सीमा क्रॉसिंग है, जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत की सीमा से जोड़ता है. कॉरिडोर इसलिए बनाया गया ताकि भारत के श्रद्धालु करतारपुर में गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें, जो पाकिस्तान की ओर भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब 4.7 किलोमीटर दूर है, वो भी बिना वीजा. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन के बाद आशंका जताई जा रही है कि यह कॉरिडोर बंद हो सकता है. हालांकि, अभी तक पाकिस्तान की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर पहले भी बंद हो चुका है
करतारपुर कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव पहली बार 1999 में आया था. 26 नवंबर 2018 को भारत और 28 नवंबर 2018 को पाकिस्तान की तरफ से आधारशिला रखी गई. 2019 में यह कॉरिडोर बनकर तैयार हुआ. 12 नवंबर, 2019 को गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए खोला गया. लेकिन कोरोना के समय कॉरिडोर से पाकिस्तान में तीर्थयात्रियों की आवाजाही मार्च 2020 से निलंबित कर दी गई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने कोरोना मामलों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए भारत से यात्रा पर प्रतिबंध कर दिया था.
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Source: IOCL























