कौन सी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए है बेहतर, इस तरह कर सकते हैं पता
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय लोग अक्सर उलझ जाते हैं. सही पॉलिसी पहचानना आसान है. अगर आप कुछ अहम बातों पर ध्यान देते हैं तो नहीं आएगी मुश्किल. जानिए पूरी डिटेल्स.

स्वास्थ्य सभी लोगों के जीवन का एक अहम पहलू होता है. अचानक से आई बीमारियों के चलते लोगों को जेब पर काफी बोझ पड़ता था. सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाती है. लेकिन इसका लाभ सभी लोगों को मिल नहीं पाता है. इसलिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेकर चलते हैं. लेकिन जब लोगों को पॉलिसी चुननी होती है.
तो बहुत सारी कंपनियां और इतने सारे प्लान देखकर बहुत से लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं. कई लोग जल्दबाजी में पॉलिसी ले तो लेते हैं. लेकिन बाद में समझ आता है कि उसमें वो कवरेज ही नहीं मिला जिसकी जरूरत थी. इसलिए जरूरी है कि आप कुछ बेसिक बातों पर ध्यान देकर सही पॉलिसी चुनें. चलिए आपको बताते हैं किन बातों का रखना है ध्यान.
पहले समझ लें कवरेज और प्रीमियम के बारे में
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त आपको हमेशा पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. सबसे पहले यह देखें कि पॉलिसी कितना कवरेज दे रही है. ज्यादातर लोग सिर्फ कम प्रीमियम देखकर पॉलिसी लेना सही नहीं है. मान लीजिए आपको 3 लाख का कवरेज चाहिए लेकिन पॉलिसी सिर्फ 1 लाख तक कवर करती है.
यह भी पढ़ें: क्या शादी के बाद भी पिता की प्रॉपर्टी में रहता है बेटी का अधिकार? जान लीजिए क्या कहता है कानून
तो बाकी खर्च आपकी जेब से जाएंगे. इसके साथ ही यह भी देखें कि पॉलिसी में कौन-कौन सी बीमारियां शामिल हैं और कौन सी नहीं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में वेटिंग पीरियड भी होता है यानी कुछ बीमारियां एक-दो साल बाद ही कवर होती हैं. इस पर जरूर ध्यान देना जरूरी है. नहीं तो फिर आपको बाद में परेशानी उठानी पड़ सकती है.
इस तरह करें सही पॉलिसी सिलेक्ट
हेल्थ इंश्योरेंस की कोई भी पॉलिसी लेने से पहले उसे कम से कम 3 से 4 कंपनियों के प्लान से कंपेयर जरूर कर लेंय आजकल ऑनलाइन कंपैरिजन टूल्स मौजूद हैं. जिनसे आप आसानी से कवरेज, प्रीमियम और हॉस्पिटल नेटवर्क चेक कर सकते हैं. इसमें आप यह चेक करें कि जो पॉलिसी आपको पसंद आई है. उस पॉलिसी में कितने हॉस्पिटल जुड़े हुए हैं.
यह भी पढ़ें: आपके पास भी है SBI का क्रेडिट कार्ड तो नहीं मिलेगा ये लाभ, 1 सितंबर से बदल रहे हैं नियम
और क्या आपके शहर के बड़े हॉस्पिटल उसमें शामिल हैं या फिर नहीं. इसके अलावा क्लेम सेटेलमेंट रेशियो भी देखना बहुत जरूरी है. ताकि आपको यह पता चल सके कि कंपनी कितनी तेजी और सही तरीके से क्लेम निपटाती है. और आप कंपेयर करके अच्छे से सही पॉलिसी लेते हैं. तो आपको न सिर्फ एक सुरक्षा मिलती है. बल्कि आप भविष्य में भी किसी तरह की परेशानी से बच सकते हैं.
यह भी पढ़ें: लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाने वाली 26 लाख अपात्र महिलाओं की लिस्ट तैयार, कहीं आपका भी तो नाम नहीं शामिल? ऐसे करें चेक
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















