इतने हजार की चोरी पर पुलिस नहीं लेगी एक्शन, जानें क्या है चोरी को लेकर यह नया कानून
Bhartiya Nyay Sanhita 303(2): भारतीय न्याय संहिता की इस धारा के तहत पुलिस चोरी अगर छोटी होती है. तो फिर पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं करेगी. चलिए बताते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी.

Bhartiya Nyay Sanhita 303(2): चोरी करना एक कानूनी अपराध है. अगर कोई चोरी करता है. तो पुलिस कार्रवाई करती है. लेकिन क्या आपको पता है भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत पुलिस चोरी अगर छोटी होती है. तो फिर पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं करेगी. इतना ही नहीं पुलिस आपको थाने से वापस भेज देगी.
चोरी के लिए बनाई गई इस धारा के तहत अगर चोरी 5000 रुपये से कम होती है. तो फिर पुलिस कोई एक्शन नहीं लेगी. चलिए आपको बताते हैं ऐसे में क्या ऑप्शन होगा आपको पास. कौनसी है यह भारतीय न्याय संहिता की धारा. चलिए बताते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी.
5000 रुपये से कम की चोरी पर नहीं होगा एक्शन
हाल ही में मध्य प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला आया है. जहां एक शख्स ने 125 रुपये के रसगुल्ले चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई थी. लेकिन अब इस कारण यह मामला रद्द कर दिया है. दरअसल यह मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2) के तहत दर्ज किया गया था. इस धारा के मुताबिक अगर कोई चोरी 5000 रुपये से की होती है.
तो फिर पुलिस ऐसे में मुकदमा दर्ज नहीं करती है. क्योंकि यह क्राइम नाॅन सीरियस क्राइम माना जाता है. ऐसे में पुलिस सीधे कार्रवाई नहीं करती है. बीएनएस के तहत बनाए गए नए कानून में पांच हजार रुपये के कम की चोरी असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती है. यानी इतनी छोटी चोरी की एफआईआर दर्ज नहीं होती.
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क्या किया जा सकता है?
अगर आपके साथ भी इस तरह की कोई घटना हो गई है. जहां चोरी हो गई है. लेकिन चोरी का राशि 5 हजार रुपये से कम की है. और ऐसे में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. तो आप फिर इस्तगाशा न्यायालय जा सकते हैं. वहां अगर अदालत की ओर से पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया जाता है. तो फिर पुलिस को कार्रवाई करनी होती है.
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बता दें ऐसे केस में अभियुक्त को चीरी की गई संपत्ति लौटाने का या उसके नुकसान की भरपाई करने का ऑप्शन दिया जाता है. कोर्ट ऐसे केस में उसे जेल की सजा नहीं सुना सकता है. बल्कि अभियुक्त को इसके बजाए सामुदायिक सेवा का आदेश दिया जा सकता है.
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Source: IOCL
























