बच्चों का आधार कार्ड बनाना भी है जरूरी, जान लीजिए क्या है पूरा प्रोसेस
Children Aadhaar Card Process: क्या आपको पता है छोटे बच्चे जिनके फिंगरप्रिंट क्लीयर नहीं होते उनका भी आधार कार्ड बनता है. कैसे चलिए आपको बताते हैं इसकी प्रोसेस.

Children Aadhaar Card Process: भारत में रहने के लिए कुछ दस्तावेजों का होना जरूरी होता है. आए दिन किसी न किसी काम के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ ही जाती है. बिना दस्तावेजों के आपके कई सारे काम अटक सकते हैं. इन दस्तावेजों बात की जाए तो आधार कार्ड एक काफी अहम दस्तावेज है. आधार कार्ड देश की तकरीबन 90 फीसदी जनसंख्या के पास मौजदू है. स्कूल-काॅलेज में एडमिशन लेने से लेकर सरकारी योजनाओं में लाभ लेने तक में आधार कार्ड की जरूरत पड़ ही जाती है.
बिना इसके यह सब काम नहीं हो पाएंगे. आधार कार्ड में लोगों की पूरी जानकारी दर्ज होती है. जिसमें आईरिस जानकारी के अलावा फिंगरप्रिट का डाटा भी होता है. क्या आपको पता है छोटे बच्चे जिनके फिंगरप्रिंट क्लीयर नहीं होते उनका भी आधार कार्ड बनता है. कैसे चलिए आपको बताते हैं इसकी प्रोसेस.
कैसे बनवाएं बच्चों का आधार कार्ड?
बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए आपके पास उनका बर्थ सर्टिफिकेट या स्कूल का कोई सर्टिफिकेट होना जरूरी है. माचा-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड या कोई और गवर्नमेंट वैलिड आईडी प्रूफ चाहिए होगा. तो साथ ही एड्रेस प्रूफ में चाहिए होगा. जिसमें बिजली बिल, पानी बिल, टेलीफोन बिल जैसा कोई भी डॉक्यूमेंट चलेगा. इसके अलावा बच्चों का एक पासपोर्ट फोटो चाहिए होगा. इसके बाद आपको यूआईडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करना होगा.
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वहां पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी. इसके बाद अपॉइंटमेंट के लिए क्लिक करना होगा. वहां बताए गए दस्तावेज लेकर जाने होंगे. आपके सारे डॉक्यूमेंट वेरीफाई किए जाएंगे. बच्चे की उम्र अगर 5 साल से कम है. तो बायोमेट्रिक और आईरिस जानकारी दर्ज नहीं की जाएगी. सिर्फ फोटोग्राफ का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक एक्नॉलेजमेंट नंबर दिया जाएगाय जिससे आप आधार कार्ड की प्रोसेस ट्रैक कर पाएंगे. 90 दिन के अंदर आपको बाल आधार रजिस्टर्ड पते पर भेज दिया जाएगा.
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इतने साल में फिंगरप्रिंट और आईरिस अपडेट करवाना जरूरी
आपको बता दें अगर बच्चे का आधार कार्ड 5 साल से कम की उम्र में बनवाया गया है. तो जब बच्चा 5 साल का हो जाता है. तब उसकी फिंगरप्रिंट और आईरिस जानकारी को अपडेट करवाना होता है. इसके बाद जब बच्चा 15 साल का हो जाता है. तब फिर से उसकी फिंगरप्रिंट और आईरिस अपडेट करवानी होती है. इस प्रोसेस को मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेट कहा जाता है.
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