हिंदू हो या मुस्लिम? अगर कोई धर्म पूछे तो कहां कर सकते हैं इसकी शिकायत, कितनी मिलती है सजा
किसी व्यक्ति का धर्म पूछना कोई अपराध नहीं है. अगर धर्म पूछने का मकसद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, भेदभाव करना या हिंसा बढ़ाना है तो भारतीय कानून के तहत यह क्राइम के दायरे में आ सकता है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल की दोपहर आतंकियों ने पर्यटकों से पहले धर्म पूछा और फिर उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. आतंकियों की इस कायराना हरकत पर हर किसी का खून खौल रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर कोई आपसे आपका धर्म पूछता है तो क्या इसकी शिकायत की जा सकती है? इसके लिए क्या-क्या करना होता है और इस तरह के मामले में कितनी मिलती है सजा?
क्या किसी से धर्म पूछने पर मिलती है सजा?
गौर करने वाली बात यह है कि भारत में कोई शख्स अगर आपका धर्म पूछता है तो यह कोई अपराध नहीं है. अगर धर्म पूछने का मकसद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, भेदभाव करना या हिंसा बढ़ाना है तो भारतीय कानून के तहत यह क्राइम के दायरे में आ सकता है.
कहां कर सकते हैं शिकायत?
अगर कोई शख्स आपका धर्म पूछकर आपकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है या भेदभाव या हिंसा करने की कोशिश कर रहा है तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. अपनी शिकायत में आपको घटना की जानकारी, तारीख, वक्त, जगह और गवाहों आदि के बारे में बताना होगा. अगर आपके पास घटना का कोई सबूत है तो वह भी पेश किया जा सकता है.
अगर पुलिस शिकायत न सुने तो क्या करें?
अगर थाने की पुलिस इस तरह के मामले में आपकी शिकायत सुनने से आनाकानी करे तो आप पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे एसपी या डीसीपी से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा कई राज्यों में FIR दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध हैं. जैसे दिल्ली में शिकायत के लिए delhipolice.gov.in, यूपी में शिकायत के लिए uppolice.gov.in और मध्यप्रदेश में शिकायत के लिए cmhelpline.mp.gov.in ऑनलाइन पोर्टल हैं.
ऑनलाइन पोर्टल पर कैसे दर्ज कर सकते हैं कंप्लेंट?
अगर किसी राज्य के पोर्टल पर शिकायत देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है तो राष्ट्रीय पोर्टल यानी केंद्रीय लोक शिकायत पोर्टल (CPGRAMS) पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है. इसका एड्रेस pgportal.gov.in है. अगर आप पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं तो आपको इन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद शिकायत की जानकारी देते हुए सबूत अपलोड करने होंगे.
पुलिस के अलावा कहां-कहां कर सकते हैं शिकायत?
अगर पुलिस और राज्यों के पोर्टल पर शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है तो आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (nhrc.nic.in) या राज्य मानवाधिकार आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं और डाक के माध्यम से भी कंप्लेंट भेज सकते हैं. अगर धर्म पूछकर किसी महिला को परेशान किया गया है तो वह राष्ट्रीय महिला आयोग (ncw.nic.in) या राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करा सकती है. अगर पीड़ित अल्पसंख्यक है तो वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (ncm.nic.in) में शिकायत दर्ज करा सकता है.
ऐसे मामलों में कितनी मिलती है सजा?
अगर धर्म-जाति पूछने का मकसद नफरत फैलाना है तो बीएनएस की धारा 196 के तीन से पांच साल की सजा हो सकती है. अगर धर्म पूछने का मकसद अपमान करना है तो बीएनएस की धारा 197 के तहत तीन साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. अगर कोई धर्म पूछकर आपको धमकाता है तो बीएनएस की धारा 351 (2) के तहत सात साल तक की सजा मिल सकती है. अगर धर्म पूछकर महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाती है तो इस तरह के मामलों में तीन साल तक की जेल हो सकती है. अहम बात यह है कि इस तरह के मामले गैर-जमानती होते हैं, लेकिन कोर्ट अपने विवेक के आधार पर जमानत दे सकती है.
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