डॉक्टर बनने की जिद ने पहुंचाया जेल, फर्जी डॉक्टर बन मरीजों का इलाज कर रही थी महिला
वेस्ट लंदन के ईलिंग जिले में रहने वाली बुल्गारियाई मूल की महिला क्रुएना जद्राफ्कोवा ने हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखा था और इस सपने ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
Trending News: जिद और जुनून के चलते इंसान कुछ भी कर जाता है. किसी को घूमने की चाह होती है, किसी को मोहब्बत की चाह होती है तो कोई अपने सपनों की नौकरी पाना चाहता है. ऐसे में लंदन की एक 19 साल की महिला को डॉक्टर बनने का जुनून सवार था, इस जुनून ने उसे अस्पताल नहीं, बल्कि जेल पहुंचा दिया. जी हां, आप भी चौंक गए होंगे कि डॉक्टर बनने का सपना देखकर आखिर किसे जेल होती है. लंदन की इस महिला को डॉक्टर बनने के जुनून ने ऐसा पागल किया कि वह फर्जी डॉक्टर बन एक अस्पताल में घुस मरीजों का इलाज करने लगी.
फर्जी डॉक्टर बन मरीजों का इलाज करने लगी महिला
वेस्ट लंदन के ईलिंग जिले में रहने वाली बुल्गारियाई मूल की महिला क्रुएना जद्राफ्कोवा ने हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखा था लेकिन वह डॉक्टर की पढ़ाई नहीं कर पाई. हालांकि, अपने डॉक्टरी का शौक पूरा करने के लिए वह बिना किसी ट्रेनिंग और पढ़ाई के लोगों का इलाज करने हॉस्पिटल में घुस गई. दरअसल, इस साल की शुरुआत में, उसने एक सफेद कोट और रबर के दस्ताने पहने और कॉन्फिडेंस से ईलिंग अस्पताल में चली गई और वहां के किसी डॉक्टर की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया.
बाद में जब वो पकड़ी गई और हॉस्पिटल की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तो, पूरे दिन उसे मेडिकल उपकरणों की जांच करते, एम्बुलेंस में चढ़ते और यहां तक कि एक मरीज को एक अज्ञात दवा देते हुए देखा गया. बिना किसी को पता चले कि वह वास्तव में डॉक्टर नहीं हैं, उसने अपने डॉक्टर बनने की जिद को पूरा कर लिया. उसे इतना भरोसा था कि वह अपने सपनों की नौकरी को लंबे वक्त तक निभा सकती है यह सोचकर वह तीन दिन बाद अस्पताल वापस आई, इस बार उसके गले में एक स्टेथोस्कोप लटका हुआ था और वो मरीजों की जांच कर रही थी.
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डॉक्टर बनने का जुनून ले गया सलाखों के पीछे
अप्रैल में जद्राफ्कोवा ने डॉक्टर के तौर पर अपना छोटा-सा कार्यकाल पूरा किया, लेकिन जब वह दूसरे दिन "काम" पर आई, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसे 12 महीने के प्रोबेशन और 15 दिनों की पुनर्वास गतिविधियों की सजा सुनाई गई. स्वास्थ्य आपातकाल के अलावा उस पर किसी भी NHS (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) सुविधा में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
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जज ने दिखाई नर्मी
19 साल की इस महिला के वकील ने उसे एक युवा प्रवासी के रूप में दिखाने की कोशिश की, जो किसी को भी खतरे में डाले बिना, केवल डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करना चाहती थी, जिसकी वजह से जज ने उसे सजा सुनाते वक्त नर्म रुख अपनाया. वकील ने एक मरीज के साथ उसकी बातचीत के बारे में बताते हुए ये कहा कि वह मरीजों से बात कर रही है, झुक रही है और मरीजों को यह कहकर भरोसा दिला रही है कि वो जल्द ही ठीक हो जाएंगे. एक वक्त तो वह मरीजों के आंसू भी पोंछ रही थी. उसके पास एक टिशू भी था और वह इससे मरीज का चेहरा पोंछ रही थी. यह वास्तव में डॉक्टर बनने के उसके सपने को जीने जैसा था.
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