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TECH EXPLAINED: क्या होते हैं AI वॉइस असिस्टेंट और कैसे करते हैं काम? जानिये फायदे-नुकसान समेत सारी बातें

आजकल स्मार्टफोन और गाड़ियों तक में AI वॉइस असिस्टेंट मिलने लगे हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये काम कैसे करते हैं? आज हम इसी पर एक्सप्लेनर लेकर आए हैं.

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अगर आपके पास स्मार्टफोन है तो आपने वॉइस असिस्टेंट का नाम जरूर सुना होगा. यह भी हो सकता है कि आपने अलार्म लगाने से लेकर अपना मनपसंद गाना चलाने का काम भी वॉइस असिस्टेंट से करवाया हो. अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आ जाने के कारण ये वॉइस असिस्टेंट और भी स्मार्ट हो गए हैं. अब नए स्मार्टफोन में AI वॉइस असिस्टेंट आने लगे हैं. ये आपकी प्रेफरेंसेस को याद रखते हैं, कॉन्टेक्स्ट समझ सकते हैं और ऐसे कई काम कर सकते हैं, जो कुछ साल पहले तक सोचे भी नहीं जा सकते थे. अलेक्सा इसका एक उदाहरण है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये वॉइस असिस्टेंट काम कैसे करते हैं? इनके फायदे-नुकसान क्या हैं और इन्हें किन-किन कामों में यूज किया जा सकता है? आज हम आपके इन सारे सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

क्या होते हैं AI वॉइस असिस्टेंट?

AI वॉइस असिस्टेंट ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इंसानी आवाज को पहचान कर रिस्पॉन्ड करते हैं. इन्हें जनरल वॉइस असिस्टेंट और स्पेशलाइज्ड वॉइस असिस्टेंट के तौर पर दो कैटेगरी में डिवाइड किया जा सकता है. जनरल असिस्टेंट सवालों के जवाब देने और कई दूसरे टास्क परफॉर्म करते हैं. गूगल असिस्टेंट और अलेक्सा इसका उदाहरण हैं. वहीं स्पेशलाइज्ड असिस्टेंट को किसी खास इंडस्ट्री या फील्ड के लिए बनाया जाता है, जो उस पर्टिकुलर एरिया में एक्सपर्टीज रखते हैं. 

कैसे काम करते हैं वॉइस असिस्टेंट?

वॉइस असिस्टेंट नैचुलर लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), मशीन लर्निंग (ML) और स्पीच रिकग्नेशन टेक्नोलॉजीज का यूज करते हैं, जो उन्हें इंसानी आवाज को समझकर, उसका एनालाइज कर रिस्पॉन्ड करने में इनेबल करती हैं. इस पूरी प्रोसेस के कई स्टेप्स होते हैं.

वॉइस रिकग्नेशन- AI वॉइस असिस्टेंट सबसे पहले यूजर के बोले हुए शब्दों को पहचाता है. इसके लिए एडवांस्ड एल्गोरिद्म काम करता है, जो बैकग्राउंड नॉइस को कम कर देता है ताकि यह सिर्फ आपकी आवाज पर फोकस कर पाए.

नैचुरल लैंग्वेज अंडरस्टेंडिंग- जब सिस्टम आपकी आवाज पहचान लेता है तो यह इसे टेक्स्ट में कन्वर्ट कर देता है. इसके बाद AI नैचुलर लैंग्वेज अंडरस्टेंडिंग की मदद से कॉन्टेक्स्ट के हिसाब से मतलब समझती है. 

एग्जीक्यूशन- कमांड को समझने के बाद असिस्टेंट एक्शन लेता है. यह किसी सवाल का जवाब देने से लेकर किसी स्मार्ट होम डिवाइस को कंट्रोल करने और रिमाइंड सेट करने तक कुछ भी हो सकता है.

फीडबैक- एक्शन लेने के बाद वॉइस असिस्टेंड आपको फीडबैक देता है. इसमें टास्क के कंप्लीट होने की कंफर्मेशन मांगी जा सकती है या किसी अस्पष्ट कमांड के लिए फिर से रिक्वेस्ट की जा सकती है.

मशीन लर्निंग- इस पूरी प्रक्रिया में मशीन लर्निंग भी साथ-साथ चलती रहती है. दरअसल, AI वॉइस असिस्टेंट डेली की इंटरेक्शन से अपनी एक्यूरेसी और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए सीखता रहता है. यह आपकी आवाज और यूसेज पैटर्न को पकड़ लेता है और आपकी कमांड को प्रेडिक्ट भी कर सकता है.

ये हैं वॉइस असिस्टेंट के फायदे
 
सुविधा- वॉइस असिस्टेंट सुविधाजनक होते हैं. मान लिजिए आप कुकिंग या किसी दूसरे काम में उलझे हुए हैं. वॉइस असिस्टेंट पर आप कमांड देकर गाने चलाने से लेकर मैसेज भेजने तक कई काम कर सकते हैं और इसके लिए आपको अपने हाथों का यूज करने की भी जरूरत नहीं है.

एफिशिएंसी- वॉइस असिस्टेंट कैलेंडर मैनेज करने, रिमाइंड सेट करने और जानकारी निकालने जैसे काम पलक झपकते ही कर सकते हैं. इनके होते हुए आपको इन कामों के लिए अपना टाइम बर्बाद करने की जरूरत नहीं है.

होम ऑटोमेशन- स्मार्ट होम डिवाइस में AI वॉइस असिस्टेंट को इंटीग्रेट किया जा सकता है. इसकी मदद से आप एक बार बोलकर घर की लाइटिंग, टेंपरेचर, सिक्योरिटी सिस्टम और दूसरी चीजें अपने हिसाब से एक्टिवेट और एडजस्ट कर सकते हैं.

वॉइस असिस्टेंट के नुकसान

प्राइवेसी से जुड़ी चिंता- वॉइस असिस्टेंट को लेकर सबसे बड़ी चिंता प्राइवेसी से जुड़ी हुई है. AI वॉइस असिस्टेंट को सही तरीके से फंक्शन करने के लिए काफी पर्सनल डेटा की जरूरत होती है. जिस तरह से यह डेटा यूज और स्टोर होता है, उससे कई यूजर्स सहज नहीं होते हैं.

इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत- ज्यादा AI वॉइस असिस्टेंट इंटरनेट कनेक्टिविटी के बिना काम नहीं कर पाते. ऐसे में खराब नेटवर्क या बिना कवरेज वाले इलाकों में इनका यूज नहीं किया जा सकता.

समझने में गलती- एडवांस टेक्नोलॉजी के बावजूद वॉइस असिस्टेंट कई बार कमांड समझने में गलती कर देते हैं. ये लहजे और उच्चारण को ठीक तरीके से समझ नहीं पाते और कमांड से हटकर कोई टास्क करने लगते हैं, जिससे यूजर को फ्रस्ट्रेशन होती है.

जटिल कामों में असमर्थ- अलेक्सा जैसी वॉइस असिस्टेंट रेगुलर टास्क तो आसानी से कर लेते हैं, लेकिन जटिल कामों में ये हाथ खड़े कर देते हैं. ये ऐसे काम नहीं कर पाते, जिनमें ह्यूमन जजमेंट की जरूरत होती है. 

किन कामों में यूज हो सकते हैं AI वॉइस असिस्टेंट?

आजकल स्मार्टफोन्स से लेकर कारों तक में वॉइस असिस्टेंट को इंटीग्रेट किया जाने लगा है, जिससे पता चलता है कि ये कई काम आसानी से कर सकते हैं. डेली शेड्यूलिंग और रिमाइंडर के अलावा इन्हें कम्यूनिकेशन, एंटरटेनमेंट, स्मार्ट होम कंट्रोल, कुकिंग और शॉपिंग में मदद, रियल-टाइम इंफोर्मेशन पाने, हेल्थ मॉनिटरिंग और एडवाइस और ट्रैवल और नेविगेशन समेत कई कामों के लिए यूज किया जा सकता है.

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