एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने लगाई इंसानी दिमाग में चिप, सोचने भर से गैजेट्स का कंट्रोल होना अब दूर नहीं
First Brain Chip in Human: इंसानों के दिमाग में चिप लगाने के बाद वो कई ऐसे काम करने में सक्षम हो जाएंगे जो आम तौर पर नहीं कर पाते हैं जैसे अपने अंगों पर नियंत्रण खो चुके लोग इससे फायदा उठा पाएंगे.
First Brain Chip in Human: आपने कभी ऐसी फिल्म देखी है जिसमें इंसानों के दिमाग में न्यूरो चिप लगाई जाती है और वो शख्स रोबोट की तरह कई ऐसे काम करने में सक्षम हो जाता है जो आम इंसान करने में विफल रहते हैं. अगर नहीं तो जान लीजिए कि ऐसा सच में हो चुका है और दुनिया के इतिहास में ऐसा पहला काम हो चुका है. दुनिया के टॉप के रईस शख्सियतों में शामिल एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने पहली बार किसी इंसान के दिमाग में चिप लगाई है. एलन मस्क ने खुद X पर इस बात की जानकारी एक पोस्ट के जरिए दे दी है.
अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा कर यह जानकारी दी है कि "जिस व्यक्ति के दिमाग में चिप लगाई गई है, उसकी सेहत में सुधार हो रहा है."
देखिए एलन मस्क का X पोस्ट
The first human received an implant from @Neuralink yesterday and is recovering well.
— Elon Musk (@elonmusk) January 29, 2024
Initial results show promising neuron spike detection.
एलन मस्क ने मशहूर साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग को किया याद
एलन मस्क ने एक्स पर लिखा कि केवल सोचने मात्र से, आपके फ़ोन या कंप्यूटर और उनके माध्यम से लगभग किसी भी उपकरण का नियंत्रण सक्षम हो जाता है. शुरुआती यूजर्स वे होंगे जो अपने अंगों का उपयोग खो चुके होंगे. कल्पना करें कि क्या स्टीफन हॉकिंग एक स्पीड टाइपिस्ट या नीलामीकर्ता से भी अधिक तेजी से संवाद कर सकते थे...यही लक्ष्य है.
इंसान और AI के बीच अच्छा संबंध है लक्ष्य
एएलएस या पार्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों का इलाज करने के बाद इस चिप के आविष्कार के जरिए एक दिन इंसानों और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के बीच अच्छा संबंध हासिल करने की सोच पूरी हो सकती है. एलन मस्क की महत्वाकांक्षा मानव क्षमताओं को सुपरचार्ज करने से भी जुड़ी है.
एलन मस्क की न्यूरालिंक के बारे में जानें
मशहूर अरबपति एलन मस्क ने साल 2016 में न्यूरालिंक नाम के एक स्टार्टअप की शुरुआत की थी और ये कंपनी ब्रेन चिप इंटरफेस बनाने का काम करती है. इनको इंसानी दिमाग में इंप्लांट किया जा सकता है. दरअसल चिप की मदद से न्यूरो सिग्नल को कंप्यूटर या फोन पर भी ट्रांसमिट किया जा सकेगा और कह सकते हैं कि सिर्फ सोचने भर से कई गैजेट्स को कंट्रोल किया जा सकेगा. यानी फिल्मों में दिखाई जाने वाली कल्पना अब हकीकत का रूप ले चुकी है और इसके क्या-क्या परिणाम होने वाले हैं, उनको लेकर उम्मीदें बनी हैं.
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