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Uttarakhand Tunnel Collapse: मैनुअल ड्रिलिंग की पहली तस्वीरें आई सामने, जानें- कहां तक पहुंचा काम, क्या है मौसम को लेकर अलर्ट
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में 12 नवंबर को हुए इस हादसे में टनल धंसने से 41 मजदूर अंदर फंस गए थे. इन्हें निकालने के लिए वर्टिकल के साथ-साथ मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है.
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Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 17वां दिन है. सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चल रहा है. अब वर्टिकल के साथ-साथ मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है. इस बीच मौसम विभाग की ओर से बारिश और बर्फबारी का अलर्ट भी जारी किया गया है. जिससे ऑपरेशन के दौरान और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
मंगलवार सुबह भी सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग जारी रही. जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है. अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है. माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि कल रात हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंंग का काम बहुत अच्छा हुआ. हम 50 मीटर पार कर चुके हैं. अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है. कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी.
वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक पहुंची
सोमवार को मलबे में फंसी अमेरिकी ऑगर मशीन के हिस्से बाहर निकाल लिए गए हैं जबकि सुरंग के ऊपर से की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक पहुंच गयी है. बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि मलबे के अंदर फंसी ऑगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाल दिया गया. हाथ से काम शुरू हो गया, लेकिन इसके पूरा होने की समयसीमा नहीं बतायी जा सकती. भगवान से प्रार्थना है कि कठिनाइयां न आएं ताकि जल्द से जल्द श्रमिकों तक पहुंचा जा सके.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Visuals from the Silkyara tunnel where the operation to rescue 41 workers is ongoing.
— ANI (@ANI) November 28, 2023
First visuals of manual drilling ongoing inside the rescue tunnel. Auger machine is being used for pushing the pipe. So far about 2 meters of… pic.twitter.com/kXNbItQSQR
रैट होल माइनिंग विशेषज्ञों ने काम किया शुरू
उन्होंने बताया कि मलबे को 'रैट होल माइनिंग' तकनीक से साफ करने के लिए विशेषज्ञों ने अपना काम शुरू कर दिया है. चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में शेष बचे 10-12 मीटर के मलबे को साफ करने के काम में 'रैट होल माइनिंग' के इन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. उन्होंने बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग की जानी है जिसमें से 50 मीटर तक ड्रिलिंग करना शेष है.
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