एक्सप्लोरर

उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों में ABVP का परचम, छात्रों ने लगाई धामी सरकार की नीतियों पर मुहर

Uttarakhand News: उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश के अधिकांश कॉलेजों में जीत दर्ज की है. इस जीत धामी सरकार की नीतियों की जीत माना जा रहा है.

उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ और व्यापक लोकप्रियता का प्रदर्शन किया है. अब तक आए नतीजों के अनुसार प्रदेश के अधिकांश कॉलेजों में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है. नामांकन प्रक्रिया के बाद ही 27 कॉलेजों में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे, जो संगठन की जमीनी ताकत का स्पष्ट संकेत है.

डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में ऋषभ मल्होत्रा और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में महिपाल बिष्ट की जीत ने प्रदेश की सबसे बड़ी शैक्षणिक संस्थाओं में भगवा परचम लहराया है. शुद्धोवाला डोईवाला, ऋषिकेश, करणप्रयाग, श्रीनगर, खटीमा और कोटद्वार जैसे प्रमुख कॉलेजों में भी एबीवीपी का कब्जा साबित करता है कि छात्रों ने संगठन की कार्यशैली और मुद्दों पर विश्वास जताया है.

यह छात्रों के संघर्षों और वास्तविक मुद्दों की जीत- ABVP

एबीवीपी का मानना है कि यह जीत केवल चुनावी विजय नहीं बल्कि छात्रों के संघर्षों और वास्तविक मुद्दों की जीत है. संगठन लंबे समय से पारदर्शी परीक्षाओं, बेहतर शैक्षणिक माहौल और छात्र हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रहा है. यही कारण है कि छात्रों ने राष्ट्रहित और छात्रहित से जुड़े पैनल को प्राथमिकता दी.

धामी सरकार की नीतियों का प्रभाव

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रचंड जीत के पीछे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की नीतियों का भी अहम योगदान है. हाल के वर्षों में धामी सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नकल-विरोधी कानून लागू किया है. साथ ही, युवाओं को 25 हजार से अधिक सरकारी नौकरियों का अवसर देकर रोजगार क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनाया है.

आराजकता फैलाने को मिला करारा जवाब

यही नहीं, UKSSSC परीक्षा में नकल की शिकायतों को लेकर विपक्ष ने जहां युवाओं को भड़काने और सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं कॉलेज चुनावों के नतीजों ने साबित किया कि छात्र समुदाय सरकार और एबीवीपी के पक्ष में खड़ा है. यह परिणाम प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिशों के खिलाफ एक करारा जवाब माना जा रहा है.

भविष्य की दिशा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तराखंड की छात्र राजनीति में एबीवीपी की यह जीत भविष्य की दिशा तय करेगी. यह केवल संगठन की मजबूती का संकेत नहीं, बल्कि आने वाले समय में प्रदेश की मुख्यधारा राजनीति पर भी असर डाल सकती है. छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी की ऐतिहासिक जीत और धामी सरकार की नीतियों पर मिला जनसमर्थन इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड का युवा वर्ग राष्ट्रवादी विचारधारा और पारदर्शी शासन प्रणाली के साथ खड़ा है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष व कतिपय संगठनों ने लगातार सरकार की नीयत पर सवाल उठाए. इस बात को उछाला गया कि प्रदेश का युवा वर्ग सरकार से नाराज है और उसके खिलाफ सड़क पर उतर चुका है, लेकिन प्रदेश के 100 से अधिक महाविद्यालयों में हुए छात्रसंघ चुनावों के नतीजे इस धारणा से बिल्कुल उलट तस्वीर पेश करते हैं.

छात्रों ने सरकार की नीतियों का किया सम्मान

ABVP भाजपा का आनुषंगिक संगठन है, और संगठनात्मक दृष्टि से भाजपा की जड़ें विश्वविद्यालय और कॉलेज कैंपसों तक फैली हुई हैं. ऐसे में यूकेएसएसएससी के पेपर प्रकरण सामने आने के बाद यह बात उठने लगी कि इस बार चुनाव में युवा अपनी वोट की ताकत से भाजपा एवं उसके अनुषांगिक संगठन को जवाब देगी और इन चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को हार का रास्ता दिखाएगी. लेकिन छात्रसंघ चुनाव में मिली भारी जीत यह पुख्ता करती है कि छात्रों के बीच भाजपा और उसकी सरकार को लेकर कोई व्यापक नाराजगी नहीं है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को मिल रही बड़ी और ऐतिहासिक जीत ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र, खासकर GenZ, भाजपा की विचारधारा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों पर भरोसा रखते हैं. चुनाव परिणाम यह भी बताते हैं कि छात्रों के बीच सरकार के प्रति विश्वास की स्थिति विपक्ष के आरोपों से कहीं अलग है.

सीएम धामी के नेतृत्व में सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने और नकल पर कठोर नियंत्रण के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. नकल विरोधी कानून, भर्ती परीक्षाओं में तकनीकी निगरानी और परीक्षा प्रणाली में सुधार जैसे फैसले युवाओं को यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि सरकार उनकी चिंताओं को गंभीरता से सुन रही है और समाधान के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ABVP की यह जीत केवल संगठनात्मक शक्ति या चुनावी रणनीति का परिणाम नहीं है, बल्कि यह युवाओं के उस भरोसे का प्रतीक है जो उन्हें सरकार की नीतियों और कामकाज पर है. विपक्ष ने भले ही छात्रों को आंदोलनों के माध्यम से सरकार को घेरने की कोशिश की हो, लेकिन छात्रसंघ चुनावों के नतीजे इस बात का संकेत हैं कि युवाओं ने सरकार की नीयत और नीतियों को ज्यादा महत्व दिया.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

आ गई बंगाल की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, चेक करें अपना नाम, राजस्थान समेत और कितने राज्यों में आज आएगी सूची
आ गई बंगाल की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, चेक करें अपना नाम, राजस्थान समेत और कितने राज्यों में आज आएगी सूची
अब विवादों में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के सुरक्षा गार्ड, दुकानदार को बेरहमी से पीटने का आरोप
अब विवादों में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के सुरक्षा गार्ड, दुकानदार को बेरहमी से पीटने का आरोप
Mughal Emperor Education: कौन था मुगल साम्राज्य का सबसे पढ़ा-लिखा बादशाह? जानें
कौन था मुगल साम्राज्य का सबसे पढ़ा-लिखा बादशाह? जानें
The Ashes, 2025-26: एडिलेड टेस्ट के लिए कमिंस, लियोन की ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग-11 में वापसी, ख्वाजा बाहर
The Ashes, 2025-26: एडिलेड टेस्ट के लिए कमिंस, लियोन की ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग-11 में वापसी, ख्वाजा बाहर
Advertisement

वीडियोज

Weather Updates: कोहरे की चादर में छिपी सड़क, लोगों को आवाजाही में हो रही परेशानी | Fog | Smog |
China Crisis Explained! मंदी का भारत पर क्या असर होगा | Paisa Live
Yamuna Expressway News: कई गाड़ियों में टक्कर, वाहनों में लगी आग, कई लोग हताहत | Weather Update
Mohali Kabaddi Firing: Mohali में कबड्डी खिलाड़ी Rana Balachauria की गोली मारकर कर दी हत्या |ABP NEWS
Crime News: यमुनानगर में सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, आरोपी बिलाल गिरफ्तार | Haryana
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
आ गई बंगाल की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, चेक करें अपना नाम, राजस्थान समेत और कितने राज्यों में आज आएगी सूची
आ गई बंगाल की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, चेक करें अपना नाम, राजस्थान समेत और कितने राज्यों में आज आएगी सूची
अब विवादों में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के सुरक्षा गार्ड, दुकानदार को बेरहमी से पीटने का आरोप
अब विवादों में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के सुरक्षा गार्ड, दुकानदार को बेरहमी से पीटने का आरोप
Mughal Emperor Education: कौन था मुगल साम्राज्य का सबसे पढ़ा-लिखा बादशाह? जानें
कौन था मुगल साम्राज्य का सबसे पढ़ा-लिखा बादशाह? जानें
The Ashes, 2025-26: एडिलेड टेस्ट के लिए कमिंस, लियोन की ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग-11 में वापसी, ख्वाजा बाहर
The Ashes, 2025-26: एडिलेड टेस्ट के लिए कमिंस, लियोन की ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग-11 में वापसी, ख्वाजा बाहर
विक्की कौशल ने आलिया भट्ट को दिखाई बेटे की तस्वीर? एक्ट्रेस का रिएक्शन हुआ वायरल
विक्की कौशल ने आलिया भट्ट को दिखाई बेटे की तस्वीर? एक्ट्रेस का रिएक्शन हुआ वायरल
इन लोगों के खाते में नहीं आएगी किसान निधि योजना की 22वीं किस्त, किसान भाई जान लें जरूरी बात
इन लोगों के खाते में नहीं आएगी किसान निधि योजना की 22वीं किस्त, किसान भाई जान लें जरूरी बात
ऑनलाइन शॉपिंग में बड़ी चूक पड़ सकती है भारी, इन 5 बातों को नजरअंदाज किया तो खाली हो जाएगा अकाउंट
ऑनलाइन शॉपिंग में बड़ी चूक पड़ सकती है भारी, इन 5 बातों को नजरअंदाज किया तो खाली हो जाएगा अकाउंट
जॉर्डन में पीएम मोदी, जॉब करने वालों के लिए क्या है फायदा? जानिए जॉर्डन की करेंसी और भारत में उसकी कीमत
जॉर्डन में पीएम मोदी, जॉब करने वालों के लिए क्या है फायदा? जानिए जॉर्डन की करेंसी और भारत में उसकी कीमत
Embed widget