Uttarakhand News: कितने पढ़े लिखे हैं पुष्कर सिंह धामी, जानें- परिवार और उनके राजनितिक सफर के बारे में सबकुछ
CM Pushkar Singh Dhami: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भी, उन्हें राज्य का नया सीएम नियुक्त किया है. जिसके के बाद उनके बारे लोगों की जानने की जिज्ञासा बढ़ गई है.

Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) सहित देशी के पांच सूबों में हालिया समाप्त हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में बीजेपी (BJP) को चार राज्यों में ऐतिहासिक जीत मिली. जिन राज्यों में बीजेपी ने चुनाव जीता, उसमें पहाड़ी राज्य उत्तराखंड भी सामिल है. पार्टी ने यहां 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की.
हालांकि इन चुनाव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami), खटीमा (Khatima) से चुनाव हार गए थे, उन्हें कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार भुवन कापड़ी (Bhuvan Kapri) ने 6 हजार से अधिक वोटों से हराया. इस से बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत के बाद भी बड़ा झटका लगा क्यों कि, पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री भी थे और उन्हीं के चेहरे पर यह चुनाव लड़ा जा रहा था.
उनकी हार और पार्टी की जीत के बाद, पार्टी में मुख्यमंत्री को लेकर एक नई बहस छिड़ गई. जिसमें मुख्यमंत्री के रूप में कई बड़े बीजेपी के कई बड़े नेता जैसे सतपाल महाराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अनिल बलूनी दावेदारों में शामिल हो गये थे.
राजधानी देहरादून में चली कई मीटिंगों के दौर के बाद पार्टी पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने, चुनाव हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने की घोषणा की. उनके नाम की दोबारा मुहर लगते ही, लोगों में उनके बारे में जानने को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है. आइये जानते हैं पुष्कर सिंह धामी की शिक्षा, उम्र और भी कई बातें-
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45 साल की उम्र में बने थे राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम
जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद, पुष्कर सिंह धामी को सिर्फ 45 साल की उम्र में राज्य के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. बता दें कि, बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था.
उनके पद से हटने के तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन वह भी अपने पद पर ज्यादा दिनों नहीं रह सके, जिसके पुष्कर सिंह धामी को राज्य के नया सीएम चुना गया.
पिथौरागढ़ है पैतृक गावं पुष्कर सिंह धामी का
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के तुंडी गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था, उनका पैतृक गावं हरखोला भी इसी जिले में है. उनकी पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई तुंडी से ही हुई, बाद में उनका परिवार खटीमा विधानसभा के नगला तराई भाबर चले गए. उनके पिता सेना में थे, जो सूबेदार के पद से रिटायर हुए.
कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी का विवाह 28 जनवरी 2011 में गीता धामी से हुआ, विवाह के दौरान केंद्र से लेकर प्रदेश के तमाम कद्दावर नेता और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा देखने को मिला. पुष्कर सिंह धामी और गीता धामी के दो बेटे हैं.
लखनऊ यूनिवर्सिटी से किया है LLB, कॉलेज से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशन में ग्रेजुएशन किया, उसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा में किया. पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी लॉ में एलएलबी की डिग्री हासिल की. उन्हों ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में बीजेपी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ कर शुरू की.
उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहते हुए, कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. पुष्कर सिंह धामी इस बीच वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे, साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की शाखा को ज्वाइन कर लिया. इस दौरान उनकी विनम्रता, व्यवहार कुशलता और समझदारी देख महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी जो उस समय संघ के प्रचारक की भूमिका में रहे काफी प्रभावित हुए. यही कारण था कि, जब 2001-02 में भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को अपना सलाहकार और ओएसडी नियुक्त किया.
ओएसडी बनने के दौरान धामी ने जिस प्रशासनिक क्षमता का एहसास कराया, उससे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक यह संदेश चला गया कि आने वाले समय में पुष्कर सिंह धामी एक बड़ा कद होंगे. सीएम धामी ने साल 2012 में पहली बार विधान सभा चुनाव जीता और 2017 लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर देहरादून विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
इससे पहले वह 2010 से 2012 तक बीजेपी के शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे. उनके इसी नेतृत्व क्षमता और संगठन पर उनकी मजबूत पकड़, युवा उत्साह ने उन्हें राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का गौरव दिलाया. बीजेपी के सीनियर नेताओं ने उनके राजनीतिक कौशल देख कर, पुष्कर सिंह धामी को राज्य विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत हासिल की.
विवादों से दूर रहने वाले नेताओं होता है सीएम धामी का शुमार
बीजेपी के दूसरे नेतओं की अपेक्षा पुष्कर सिंह धामी का शुमार शांत और विवादों से दूर रहने वाले नेताओं में शुमार होता है. प्रदेश के संगठन और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवाओं पर भी उनका मजबूत प्रभाव है. प्रदेश में कई मौकों पर देखा भी गया जब वह भ्रष्टाचार पर कुठाराघात करते हुए दिखे हैं, उन्होंने अपने मुख्यमंत्री के छोटे से कार्यकाल में प्रदेश में कई सरकारी पदों के लिए भर्तियां भी निकली.
सीएम पुष्कर सिंह धामी से सोशल मीडिया पर जुड़ने के यह स्रोत
सोशल मीडिया के इस दौर में सीएम धामी बहुत एक्टिव रहते हैं. जहां वह अपने निजी कार्यक्रमों, सरकारी योजनों की सूचना के साथ जनता से लगाते संवाद स्थापित करते रहते हैं. वह सोशल मीडिया के सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म पर उनकी बराबर उपस्थित है.
फेसबुक पर उनके 32 लाख 11 हजार 986 फॉलोअर हैं, उनकी एफबी पर वेरीफाई हैंडल आईडी है https://www.facebook.com/pushkarsinghdhami.uk/
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