पूर्व सीएम ने उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल, बाहरियों पर लगाए गंभीर आरोप
Dehradun News: उत्तराखंड के भानियावाला में एक युवती के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के भानियावाला में एक युवती के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि जो लोग राज्य में आजीविका के लिए आए हैं, उन्हें उत्तराखंड में व्यवसाय करने की अनुमति तभी दी जानी चाहिए जब वे यहां के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचाएं.
हरीश रावत ने बताया कि भानियावाला में एक युवती जब अपने बाल कटवाने के लिए एक स्थान पर गई, तो वहां उसके साथ अभद्र व्यवहार और छेड़छाड़ की गई. यह घटना उनके लिए अत्यंत आहत करने वाली थी. उन्होंने इस घटना को उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों द्वारा की जा रही नापाक हरकतों का उदाहरण बताया. इससे पहले, नंदप्रयाग में भी इसी तरह की घटना घटित हो चुकी है, जिसमें बाहरी व्यक्तियों की भूमिका सामने आई थी.
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई की मांग
रावत ने आरोप लगाया कि इस प्रकार की घटनाएं उन लोगों द्वारा की जा रही हैं जो उत्तराखंड के मूल निवासी नहीं हैं, बल्कि राज्य में काम करने और आजीविका के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि अगर ये बाहरी व्यक्ति यहां रहकर राज्य की बेटियों और बहनों के साथ अभद्र आचरण करेंगे, तो राज्य सरकार को इनके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए. उनका मानना है कि ऐसे लोगों का व्यवहार राज्य के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश है और इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
हरीश रावत ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह ऐसे बाहरी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानून बनाए, ताकि जब आवश्यकता हो तो इन लोगों को राज्य से बाहर निकाला जा सके. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर आवश्यकता हो तो ऐसे लोगों को तड़ीपार कर राज्य से बाहर भेज देना चाहिए. हरीश रावत ने कहा, ऐसे लोग किसी समाज या वर्ग के नहीं हैं, बल्कि ये हमारे सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. राज्य सरकार को इन पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए.
नंदप्रयाग की घटना का जिक्र
हरीश रावत ने अपने बयान में नंदप्रयाग की घटना का भी जिक्र किया, जहां इसी प्रकार की निंदनीय हरकतें की गई थीं. उन्होंने कहा कि यह घटनाएं यह साबित करती हैं कि बाहरी व्यक्तियों द्वारा राज्य में लगातार इस प्रकार के कृत्य किए जा रहे हैं, जो राज्य की शांति और सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं. रावत ने कहा कि ये घटनाएं न केवल राज्य की बेटियों की सुरक्षा के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज के सौहार्द और आपसी विश्वास को भी कमजोर कर रही हैं.
हरीश रावत ने भानियावाला की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैं इस घटना से अत्यधिक आहत हूं. हमारी बेटियों और बहनों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और जो लोग इस तरह की नापाक हरकतें कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उत्तराखंड की सरकार को ऐसे लोगों को राज्य में व्यवसाय करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, और अगर जरूरत हो, तो उन्हें राज्य से बाहर निकाल देना चाहिए.
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राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल
हरीश रावत का बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों द्वारा किए जा रहे अपराधों को लेकर समाज में चिंता बढ़ रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की कानून व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत है, ताकि ऐसे बाहरी तत्व राज्य की शांति और सौहार्द को नुकसान न पहुंचा सकें. उनका यह बयान राज्य में अपराधों पर नियंत्रण के लिए एक सख्त संदेश है और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग करता है.