UP Nikay Chunav: नगर निगम के चक्कर लगाकर ये कैंडिडेट परेशान, प्रचार-प्रसार का बजट कर चुके खर्च
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले से न केवल ओबीसी आरक्षण को लेकर बहस छिड़ गई है बल्कि अपनी नैया पार करने का सपना देख रहे दावेदारों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.

UP News: नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) को लेकर अब यह तय माना जा रहा है कि यह अप्रैल और मई महीने में कराए जा सकते हैं लेकिन इस बीच वह लोग बड़ी जबर्दस्त उलझन में हैं जो चुनावी मैदान में निर्दलीय या किसी भी दल से अपनी दावेदारी ठोंक चुके हैं. दरसअल, कानपुर (Kanpur) महानगर के 110 वार्डों में बहुत से प्रत्याशी होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, चाय और कंबल जैसी तमाम चीजों में प्रचार-प्रसार का बजट खर्च कर चुके हैं. आखिरी घड़ी में चुनाव आगे बढ़ जाने से उनकी टेंशन बढ़ी हुई है.
नगर निगम के चक्कर काट-काट कर ये दावेदार परेशान हाल दिख रहे हैं. वार्ड 10, 5, 37, 59 और 13 वार्डों में दावेदारी करने वाले नेताओं की सांसें अटकी हुई हैं. एकतरफ वे चुनाव के समय को लेकर उलझन में हैं तो दूसरी तरफ चुनावी खर्च में हुआ इजाफा भी इन्हें परेशान कर रहा है. दावेदारों ने एबीपी गंगा से बातचीत में वह डायरी दिखाई कि कैसे और किन-किन मदों में अबतक पैसा खर्च किया जा चुका है. अब जो परिस्थिति बनी हैं उनसे कैसे निपटा जाएगा.
पहली बार चुनाव लड़ने से नहीं है खर्च का अनुभव
पार्षद पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे इन दावेदारों की माने तो होर्डिंग, बैनर, और पोस्टर से लेकर हर चीज का बोझ इनपर पड़ने जा रहा है. इनमें से ज्यादातर लोग पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं इसलिए क्या कितना और कब खर्च करना है. इसका अनुभव भी इन लोगों को ज्यादा नहीं है. ऐसे में सुबह 5 बजे से ही कड़ाके की सर्दी के बीच भी ये नेता फील्ड पर निकल रहे हैं और लोगों को कंबल बांट रहे हैं.
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