Exclusive: क्लेम पर क्लेम... UP में पूरब से पश्चिम तक फैला इंश्योरेंस फ्रॉड का जाल, कहीं पत्नी-बेटे की हत्या तो कहीं माता-पिता का सौदा
UP Insurance Fraud: उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक बीमा फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. पूरे राज्य में पूरब से पश्चिम तक यह फ्रॉड का जाल बिछा हुआ है.

उत्तर प्रदेश में पूरब से पश्चिम तक इंश्योरेंस के फ्रॉड का मायाजाल बिछा हुआ है. हाल ही में हापुड़ जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. जहां गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट पर चार लोग दिल्ली से कार में सवार होकर आए और गंगा किनारे एक शव का अंतिम संस्कार करने में जुट गए.
अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अर्थी देखकर लोग संदेह में आ गए. अर्थी की जगह चार लोग एक पुतले का दहन करने जा रहे थे. मामले में पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि 50 लाख का लोन चुकाने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लेकर युवक अपना कर्ज उतारना चाहता था. यूपी के कई शहरों में इस तरह के फ्रॉड के अलग-अलग मामले सामने आए हैं. आइए आपको इन मामलों के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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सबसे पहले हापुड़ के डमी संस्कार के मामले पर नजर
हापुड़ के ब्रजघाट का यह मामला 27 नवंबर का है. अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां और घी भी मंगा लिया गया. देखते ही देखते अंतिम संस्कार के लिए चिता को सजा दिया गया, लेकिन जैसे ही उक्त लोग कार में से शव निकालकर लाए तभी आसपास मौजूद लोगों के संदेह में आ गए. बताया जा रहा है कि जब कार से शव निकाला गया, तो बॉडी इतनी हल्की थी कि एक ही व्यक्ति उसे अपने हाथ में लेकर चल रहा था और उसने चिता पर उसे रख दिया. संदेह जब और गहराया तो आसपास के लोगों की चिता के आसपास भीड़ इकट्ठी हो गई. लोगों ने जब चिता पर से कपड़ा हटाकर शव को देखा, तो उनकी आंखें फटी रह गईं.
चिता पर किसी की डेड बॉडी नहीं, बल्कि पुतला लेटा हुआ था. यह देखकर लोगों ने शोर मचा दिया. देखते ही देखते सूचना पुलिस को दी गई और मौके पर कोतवाली गढ़मुक्तेश्वर पुलिस भी पहुंच गई. पुलिस को देखते ही दो लोग मौके से फरार हो गए, जबकि दो युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस दोनों युवकों को पकड़कर पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई.
जानकारी के अनुसार दिल्ली के पालम क्षेत्र में रहने वाले कमल सोमानी की करोल बाग में कपड़े की बड़ी दुकान थी. सीओ गढ़मुक्तेश्वर स्तुति सिंह ने बताया कि कमल सोमानी पर करीब 23 लाख रुपए का पुश्तैनी लोन था, जिसकी रकम बढ़कर करीब 50 लाख रुपए हो गई थी. लोन होने की वजह से कमल सोमानी काफी परेशान चल रहा था और उसकी दुकान तक बिक गई थी.
बैंक का लोन किस तरह से चुकाया जाए, इसके लिए कमल सोमानी ने अपने दिमाग का शातिराना तरीके से इस्तेमाल करते हुए दुकान पर काम करने वाले ओडिशा निवासी युवक अंशुल उम्र करीब 30 वर्ष का ऑनलाइन तरीके से 50 लाख रुपए का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करा दिया. इसकी जानकारी तक अंशुल को नहीं थी.
सीओ ने बताया कि अंशुल के इंश्योरेंस का लाभ कैसे मिले, इसके लिए कमल सोमानी अपने अन्य दोस्त आशीष खुराना के साथ कार में कपड़े की दुकान की डमी रखकर तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर पहुंच गया. यहां उसने गंगा किनारे चिता पर अंशुल के नाम की डमी रखकर उसका अंतिम संस्कार करने की कोशिश की. कमल सोमानी का मानना था कि वह फर्जी डमी का अंतिम संस्कार करने के बाद अंशुल के नाम की शमशान घाट से पर्ची हासिल कर लेगा और उसके जरिये इंश्योरेंस का 50 लाख रुपए का क्लेम प्राप्त कर लेगा.
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गोरखपुर में सिपाही ने क्लेम के लिए की पत्नी की हत्या
गोरखपुर में 27 फरवरी की रात हुई मौत को शुरू में सामान्य बताया गया था. पोस्टमार्टम में कारण स्पष्ट न मिलने पर विसरा जांच कराई गई. अगस्त में आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में एल्युमीनियम फॉस्फाइड जहर मिलने की पुष्टि हुई. रिपोर्ट के आधार पर शाहपुर पुलिस ने सितंबर माह में सरोज के पिता हरीलाल यादव की तहरीर पर अष्टभुज, उसकी मां और पिता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था.
हरीलाल यादव, जो सरकारी विभाग से रिटायर हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि दामाद अष्टभुज का खलीलाबाद में पोस्टिंग के दौरान एक महिला कांस्टेबल से अवैध संबंध था. बेटी द्वारा विरोध करने पर वह उसे मारता-पीटता था. पिता के अनुसार संबंध जारी रखने, आर्थिक लाभ पाने और इंश्योरेंस रकम हड़पने के लिए साजिशन जहर देकर हत्या की गई.
पीड़ित परिवार ने बताया कि शादी के बाद सरोज के नाम 50 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस, 41 लाख का संयुक्त लोन और एक अन्य बैंक से 20 लाख का कर्ज लिया गया था. आरोप है कि सरोज की मौत के बाद अष्टभुज ने इंश्योरेंस क्लेम के लिए भी प्रयास किए. सरोज और अष्टभुज की शादी 11 दिसंबर 2013 को हुई थी. दोनों के दो बच्चे अनमोल (9) और अक्षरा (6) हैं.
सीआईडी में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सरोज यादव की संदिग्ध मौत के आरोपी यूपी पुलिस के सिपाही अष्टभुज कुमार यादव ने वारदात के लगभग तीन महीने बाद शनिवार (6 दिसंबर) को अदालत में सरेंडर कर दिया. घटना के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था और शाहपुर पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही थी.
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मुरादाबाद में लालच की खातिर ने पिता ने बेटे की करा दी हत्या
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बीमा क्लेम के लालच में एक पिता ने अपने बेटे की हत्या करा दी. अपने ही बेटे को मारने के लिए पिता ने भाड़े के हत्यारों को साढ़े तीन लाख रुपए की सुपारी दी. हत्या करने के बाद पूरी घटना को एक्सीडेंट की शक्ल देने के लिए युवक की लाश को मुरादाबाद में सड़क किनारे फेंक दिया गया. मरने वाले युवक अनिकेत शर्मा के नाम पर 2.10 करोड़ रुपए का एक्सीडेंटल बीमा था.
मुरादाबाद पुलिस ने पूरी वारदात में शामिल अनिकेत के पिता बाबूराम शर्मा और भाड़े के तीनों हत्यारों रामपुर के शाहबाद थाना क्षेत्र के नटियाखेड़ा निवासी असलम उर्फ सुल्तान, तहब्बुर मैवाती और रामपुर के शाहबाद रुस्तमपुर निवासी साजिद को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को वारदात की स्क्रिप्ट लिखने वाले अमरोहा के अधिवक्ता आदेश कुमार और उसके साथी विजयपाल सिंह की तलाश है. पुलिस टीमें दोनों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रही हैं.
बीते दिनों 26 नवंबर को मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र में एक युवक का शव पड़ा मिला था, शुरुआती छानबीन में लगा कि मामला एक्सीडेंट का है. लेकिन जब पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि युवक के सिर पर किसी भारी चीज से वार करके उसकी हत्या की गई है. पुलिस ने कोशिश की तो युवक की शिनाख्त अनिकेत शर्मा (30 साल) पुत्र बाबू राम शर्मा निवासी दुर्गा कालोनी बहजोई के रूप में हुई.
पुलिस ने अनिकेत के परिजनों को बुलाकर उसका शव उनके सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात सामने आने का जिक्र अनिकेत के पिता बाबूराम से किया तो भी बाबूराम हादसे पर ही अड़ा रहा. बाबूराम ने पुलिस से कहा कि उसके बेटे की हत्या भला कोई क्यों करेगा, ये हादसा ही है. इस पर पुलिस को बाबू राम पर भी शक हुआ, पुलिस ने तहकीकात जारी रखी तो पता चला कि मृतक अनिकेत शर्मा के नाम पर 2.10 करोड़ रुपए का एक एक्सीडेंटल बीमा है. इसके बारे में बाबूराम पुलिस से छुपा रहा था.
पुलिस ने बाबूराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वो टूट गया. उसने पुलिस को बताया कि अनिकेत शराब पीकर घर में आए दिन हंगामा करता था. उसकी हरकतों से वो काफी परेशान था. इसी बीच उसने अपने दोस्त अमरोहा जिले में नौगावां सादात थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव निवासी अधिवक्ता आदेश कुमार से भी बेटे की हरकतों के बारे में जिक्र किया. तो उसने बेटे का स्थाई इलाज कर देने की बात कही.
इसके बाद 2 जनवरी 2024 को अधिवक्ता आदेश ने बहजोई के HDFC बैंक में अनिकेत का खाता खुलवाया. इसके बाद टाटा कंपनी में उसका 2.10 करोड़ रुपए का एक्सीडेंटल बीमा करा दिया. लेकिन बाबूराम को बताया कि उसने सिर्फ 25 लाख का बीमा कराया है.
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हापुड़ में क्लेम के लिए माता-पिता और पत्नी का सौदा
उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ से भी ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. आरोप है कि यहां एक बेटा रूपयों के लालच में इतना अंधा हो गया कि उसने आपदा को अवसर में बदलने के लिए न सिर्फ अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल किया, बल्कि उसके लिए अपने माता-पिता और पत्नी की जान का भी सौदा कर लिया.
आरोप है कि युवक के घर में एक के बाद एक उसकी पत्नी, मां और पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई. इस पर युवक ने मां की दुर्घटनावश मृत्यु दिखाकर बीमा कंपनी से 80 लाख रुपए, पत्नी की मौत पर 30 लाख रुपए की धनराशि का क्लेम हासिल किया. वहीं पिता की भी मौत जब उसने दुर्घटनावश दर्शाते हुए बीमा कंपनियों पर 39 करोड़ रुपए का क्लेम किया तो जांच के दौरान मामला संदिग्ध पाया गया.
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महोबा में पीएम फसल बीमा फर्जीवाड़ा
बुंदेलखंड के महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया. यहां के शातिर दिमागों ने गांव की नदी, पहाड़, रास्ता, ग्राम समाज की जमीन और बंजर भूमि को खेत दिखाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा करा लिया. कुलपहाड़ तहसील के थूरट क्षेत्र के लेखपाल प्रदीप सिंह की तहरीर के आधार पर अजनारा थाना में मुकदमा दर्ज किया गया.
शिकायत में बताया गया कि सुगर पुत्र हगुवा ने रास्ते को खेत दिखाकर, कृष्णा ने पहाड़ को खेत दिखाकर और चंद्रशेखर ने तालाब को खेत दिखाकर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बीमा करा लिया. इन कार्रवाइयों से शासन की छवि धूमिल हुई और राजस्व विभाग पर भी सवाल खड़े हुए. इसी तरह पनवाड़ी थाना क्षेत्र में लेखपाल मनोज कुमार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया.
ग्राम सिमरिया की बंजर भूमि को अनिल कुमार और गायत्री देवी ने नदी को हिमांशु पुत्र घनश्याम ने, जबकि राहुल कुमार, अर्जुन सिंह, अर्चना और इंद्रपाल ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए फर्जी बीमा कराया. पुलिस ने दोनों थानों में कुल दस लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराओं 318(4), 338, 336(3) व अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. किसानों का कहना है कि योजना का लाभ वास्तविक किसानों तक नहीं पहुंचा, बल्कि कुछ शातिर लोगों ने अधिकारियों और बीमा कंपनियों की मिलीभगत से लाखों रुपये का फर्जी बीमा हड़प लिया. किसान अपने बर्बाद फसलों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं और आंदोलन पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं.
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संभल में माता-पिता और पूर्व पत्नी की हत्या
संभल पुलिस के मुताबिक हापुड़ के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने माता-पिता और पूर्व पत्नी की हत्या की. इसके बाद उनकी मौतों को सड़क दुर्घटना जैसा दिखाकर 50 करोड़ रुपये से अधिक के भारी बीमा भुगतान का दावा करने की कोशिश की. पुलिस के अनुसार, उसने अपने माता-पिता की हत्या आठ साल के अंतर से की और दोनों मौतों को सड़क दुर्घटना जैसा दिखाया.
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि इस साल जनवरी से जिले में पुलिस 'इंश्योरेंस माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रही है. जिसमें अब तक दुर्घटना के रूप में पेश की गईं चार हत्याओं का खुलासा हो चुका है.
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संभल में 100 करोड़ की जालसाजी
संभल में एक और ऐसा ही मामला सामने आया है. अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों और यहां तक कि मृत लोगों के नाम पर बीमा पॉलिसी लेते थे. दस्तावेजों में हेराफेरी एवं जालसाजी करके स्वास्थ्य और जीवन बीमा कंपनियों से बीमे की रकम ऐंठने की साजिश रचते थे.
इस घोटाले के तार कम से कम 12 अलग-अलग राज्यों से जुड़े हैं और इस मामले में अब तक 17 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इनमें हत्या के चार मामले शामिल हैं. 'हत्या के मामलों में बीमा भुगतान प्राप्त करने के लिए मौतों को अज्ञात वाहनों की वजह से हुई सड़क दुर्घटना बताकर पेश किया जाता था. इन मामलों में दर्ज प्राथमिकियों पर पहले अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई थी, लेकिन गड़बड़ियां मिलने पर पुलिस ने उनकी फिर से जांच शुरू की.
अब तक की पड़ताल में पता चला है कि गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए गए 29 मृत्यु प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी थे, जबकि कुछ अन्य असली थे मगर बीमा दावों से मिलान कराने के लिए उनकी तारीखों में छेड़छाड़ की गई थी.
अब तक की जांच से पता चला है कि यह 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला है तथा जांच आगे बढ़ने पर यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. इस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश में पूरब से लेकर पश्चिम तक जालसाजी का मायाजाल बुरी तरह फैला हुआ है. आए दिन इस तरह की नई घटनाएं सामने आ रही हैं.
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