यूपी में कनेक्टिविटी को मिलेगा बूस्ट, 320 किमी लंबे एक्सप्रेसवे काम इस महीने से होगा शुरू
Vindhya Purvanchal Link Expressway: यूपी सरकार ने पूर्वांचल के कई शहरों को जोड़ने के लिए विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण का खाका तैयार कर लिया है. इस एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 22,400 करोड़ रुपये है.

Uttar Pradesh News Today: योगी सरकार उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटि को बेहतर बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इसी कड़ी में यूपी सरकार विंध्य एक्सप्रेसवे और विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की तैयारी में जुट गई है. जुलाई से इन दोनों महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है.
समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए मार्च में इन परियोजनाओं के लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा, जो सर्वेक्षण कर रूट तय करेगी. इसके बाद भूमि अधिग्रहण और डेवलपर चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. यूपी सरकार की एजेंसी यूपीडा (UPEIDA) ने पूरी योजना का खाका तैयार कर लिया है.
320 किमी लंबा होगा विंध्य एक्सप्रेसवे
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महाकुंभ 2025 के दौरान 320 किमी लंबे विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण का ऐलान किया था. जिसकी अनुमानित लागत 22 हजार 400 करोड़ रुपये होगी. यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र से होते हुए छत्तीसगढ़ और झारखंड को जोड़ा जा सकता है.
इसके अलावा 100 किमी लंबे 'विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे' का निर्माण भी किया जाएगा, जो चंदौली से शुरू होकर गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. इस परियोजना पर लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. साथ ही आगरा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 50 किमी का एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जिस पर 42 सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
मेरठ- प्रयागराज एक्सप्रेसवे का निर्माण जारी
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे का 71 फीसदी काम पूरा हो चुका है. यूपीडा इसे तय समय से पहले पूरा करने की कोशिश में जुटा है. मुख्य कैरिजवे पर 95 फीसदी मिट्टी भराई का काम पूरा हो गया है. एक्सप्रेसवे के पूरे रूट में 1 सौ स्ट्रक्चर खड़े किए जाने हैं. परियोजना को नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
इसी तरह यूपी सरकार ने प्रदेश के धार्मिक और प्रमुख शहरों को विकसित करने के लिए तीन चरणों में विकास कार्य कराए जाने की योजना बनाई है. यह कार्य शहरी विकास योजना के तहत होगा, जिसके पहला चरण 13 प्रमुख शहरों में लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक विकास योजनाएं बनाई जाएंगी, जिसे "बुके ऑफ प्रोजेक्ट" नाम दिया गया है.
'13 शहरों में होगा विकास'
प्रदेश सरकार लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी और प्रयागराज में अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराएगी. प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य नगर और ग्राम नियोजक ने बताया कि इन 13 शहरों के लिए फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है.
इसके बाद प्रस्तावित परियोजनाओं पर विकास प्राधिकरणों को मंडलायुक्तों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं. इस योजना का उद्देश्य लोगों को लंबे समय तक फायदा पहुंचाना है. प्राधिकरणों के जरिये तैयार प्रस्तावों को शासन से स्वीकृति मिलने के बाद शुरू कर दिया जाएगा, जिससे शहरी विकास को नई गति मिलेगी.
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Source: IOCL





















