Khatauli Bypoll: क्या खतौली में बीजेपी प्लान में फंस गया सपा गठबंधन? BJP के इस नेता ने बढ़ाई 'टेंशन'
खतौली उपचुनाव (Khatauli) में बीजेपी (BJP) के एक नेता ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन से आरएलडी (RLD) उम्मीदवार मदन भैया (Madan Bhaiya) की टेंशन बढ़ा दी है.
UP By-Election: उत्तर प्रदेश में तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. मैनपुरी (Mainpuri) और रामपुरी (Rampur) सीट पर बीजेपी (BJP) के खिलाफ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उम्मीदवार उतारा है. जबकि खतौली (Khatauli) में बीजेपी के खिलाफ सपा गठबंधन से आरएलडी (RLD) उम्मीदवार मदन भैया (Madan Bhaiya) हैं. वहीं मदन भैय्या के लिए आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) पूरी तरह एक्टिव हैं. लेकिन बीजेपी के प्लान और एक नेता ने खतौली में आरएलडी की टेंशन बढ़ा दी है.
दरअसल, जयंत चौधरी खतौली उपचुनाव में पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहे हैं. यहां सपा गठबंधन के लिए वोट मांगते हुए वे खास तौर पर गुर्जर, जाट, यादव और मुस्लिम वोटर्स को टारगेट करना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी इस सीट पर अपने पुराने रणनीति में कुछ बदलाव के साथ प्रचार में लगी हुई है. इसके लिए पार्टी ने एक नेता को खास जिम्मेदारी दे रखी है.
समीकरणों ने भी बढ़ाई टेंशन
बीजेपी ने खतौली में लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर को उतारा है. नंद किशोर गुर्जर पार्टी के लिए यहां पर ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं. खतौली में बीजेपी प्रत्याशी राज कुमारी सैनी के लिए नंद किशोर गुर्जर घूम-घूम के प्रचार कर रहे हैं. आंकडों पर नजर डालें तो खतौली में करीब 23 फीसदी गुर्जर और 73 फीसदी हिंदू वोटर्स हैं. वहीं हिंदू वोटर्स में सैनी और गुर्जर समाज का दबदबा है.
खतौली में सैनी समाज के करीब 33 हजार वोटर्स हैं. जबकि गुर्जर वोटर्स की संख्या लगभग 29 हजार है. इन दोनों को जोड़ा जाए तो करीब 64 हजार होता है. ये वोट किसी भी उम्मीदवार के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं. बता यहीं खत्म नहीं होती. मदन भैया ने 2012 में लोनी सीट से ही चुनाव भी लड़ा था. तब नंद किशोर गुर्जर ने उन्हें हराया था. ऐसे में नंद किशोकर गुर्जर का खतौली में प्रचार अभियान बीजेपी के लिए प्लस प्वांइट साबित हो सकता है.