यूपी बीजेपी अध्यक्ष कौन? तीन ओबीसी और दो ब्राह्मण नेताओं के नाम की चर्चा सबसे अधिक
UP Politics: यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान 14 दिसंबर को होगा और 13 दिसंबर को लखनऊ में नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. ओबीसी और ब्राह्मण समाज के कई नेता रेस में होने से संगठन में हलचल बढ़ गई है.

उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर लंबे समय से चल रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है और 14 दिसंबर को नए प्रदेश अध्यक्ष का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री और संगठन चुनाव अधिकारी डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि 13 दिसंबर को लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया पूरी होगी और 14 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे. यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि 2027 विधानसभा चुनावों से पहले संगठन नई रणनीति और नेतृत्व तय करना चाहता है.
OBC और ब्राह्मण समुदाय के कई नाम शामिल
सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद की रेस में ओबीसी और ब्राह्मण समुदाय के कई दिग्गज नेता शामिल हैं. ओबीसी वर्ग से केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी, कैबिनेट मंत्री धर्मपाल लोधी और केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा के नाम चर्चा में हैं. वहीं ब्राह्मण समाज से पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी और यूपी बीजेपी महामंत्री गोविंद शुक्ला संभावित उम्मीदवारों में माने जा रहे हैं. पार्टी के भीतर यह भी माना जा रहा है कि जातीय संतुलन और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए ऐसा चेहरा चुना जाएगा, जो आगामी चुनावों में BJP के लिए ताकत बन सके.
नामांकन के दौरान शामिल होंगे CM व डिप्टी CM
चुनाव प्रक्रिया के तहत 13 दिसंबर को दोपहर 1 PM से 2 PM तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे और इस दौरान केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े लखनऊ में मौजूद रहेंगे. नामांकन में CM योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी CM के प्रस्तावक के रूप में मौजूद रहने की भी संभावना है. पार्टी ने सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को लखनऊ बुलाया है, जहां प्रांतीय परिषद के करीब 400 सदस्य मतदान कर नए अध्यक्ष का चयन करेंगे. चर्चा यह भी है कि पिछड़े या दलित वर्ग से किसी बड़े चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है. अंदरूनी स्तर पर स्वतंत्रदेव सिंह, सोनकर, पंकज चौधरी और केशव मौर्य जैसे नाम भी सुर्खियों में बने हुए हैं.
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से करीब एक साल से अध्यक्ष पद को लेकर स्थिति असमंजस में थी और कई दावेदार लंबे समय से इस कुर्सी की दौड़ में बने हुए थे. साध्वी निरंजन ज्योति, स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा और रमाशंकर कठेरिया जैसे नेताओं के नाम भी लगातार चर्चा में आए हैं.
हाल ही में साध्वी निरंजन ज्योति की अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद अटकलें और तेज हो गई थीं. अब 14 दिसंबर को नए अध्यक्ष के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी और माना जा रहा है कि पार्टी जातीय संतुलन, संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावों के समीकरण को देखते हुए ही अपना नया नेतृत्व तय करेगी.
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