आगरा में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर 'तीसरी आंख' की नजर, रोजाना भेजे जा रहे सैकड़ों चालान
आगरा में 284 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत आगरा के 63 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम विकसित किया गया है. इसके साथ ही 43 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर काम चल रहा है.

आगरा. ताजनगरी आगरा में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जा रहा है जिसके अब सुखद परिणाम भी दिखने लगे हैं. आगरा में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किया गया है. 284 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत आगरा के 63 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम विकसित किया गया है. इसके साथ ही 43 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर काम चल रहा है.
लिहाजा, जिले में अब लोगों के ट्रैफिक सेंस में सुधार देखने को मिला है. इसके अलावा चौराहों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से कोई भी वाहन चालक अगर नियम तोड़ने की कोशिश कर रहा है तो तीसरी आंख उसे बख्शने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि एक साल में 6 करोड़ 54 लाख रुपए की कीमत के चालान अभी तक काटा जा चुका है. इसमें से सात लाख से ज्यादा की वसूली भी की जा चुकी है. इसके साथ ही दिसंबर तक आगरा के ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में बाकी काम भी पूरा हो जाएगा.
रोजाना भेजे जा रहे हैं 400 चालान इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के नॉलेज मैनेजमेंट एक्सपर्ट ललित गुप्ता का कहना है कि जो शख्स बिना हेलमेट के बाइक चला रहा है या ट्रिपलिंग कर रहा है. इसके अलावा रेड लाइट को जंप, इसकी स्पीड लिमिट एक्सेस या वाहन की नंबर प्लेट में फॉल्ट इस तरह के सभी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हमारा ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम काम कर रहा है. हमारी कोशिश है कि करीब 30 तरह के ट्रैफिक नियम के उल्लंघन पर हम अपने कंट्रोल सेंटर से बैठकर ही लोगों को चालान उनके घर भेज सकें. हालांकि इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा क्योंकि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल पर इंटीग्रेशन का काम चल रहा है. जल्द ही आगरा स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से चालान जेनरेशन का काम ऑटोमेटिक होना शुरू हो जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से तकरीबन 400 चालान रोजाना काटे जा रहे हैं. 
"लोगों में विकसित हो रही ट्रैफिक सेंस" इस नए ट्रैफिक सिस्टम में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन बना रहे, इसको लेकर भी लगातार ट्रेनिंग कार्यक्रम होते रहते हैं. स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं जो लगातार ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे लोगों पर नजर रखते हैं. इसको लेकर एसीईओ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट केबी सिंह का कहना है कि लोगों में ट्रैफिक सेंस को लेकर एक समझ विकसित हो रही है.
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