Unnao News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 204 ग्राम पंचायतों में बना ओपन जिम, जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
Unnao News: उन्नाव के अधिकारी पर फिर एक बार भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. दरअसल, जनपद की 204 ग्राम पंचायतों में ओपन जिम बनाने के नाम पर जमकर वित्तीय अनियमितता की गई है.
Unnao News: उन्नाव के अधिकारी पर फिर एक बार भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. दरअसल, जनपद की 204 ग्राम पंचायतों में ओपन जिम बनाने के नाम पर जमकर वित्तीय अनियमितता की गई. वित्तीय अनियमितता के साथ ही मानकों की अनदेखी भी की गई. आपको बता दें कि ओपन जिम जनपद कि 204 ग्राम पंचायतों में बननी थी, जिसको लेकर डीसी एनआरएलएम ने डीपीआरओ और डीसी मनरेगा द्वारा बनाया गया 1,52,000 रुपये के इस्टीमेट दरकिनार करते 2,36,880 रुपये का इस्टीमेट बना कर उसी पर भुगतान भी करवा दिया. डीपीआरओ और डीसी मनरेगा द्वारा बनाये गए इस्टीमेट के आधार पर ही जिम बनाने हेतु उपकरणों की खरीद की जानी थी. टेंडर की प्रक्रिया में भी नियमों को जमकर ताक पर रखा गया. दो लाख रुपये से ज्यादा की खरीद के लिए पोर्टल से खरीद की जानी थी, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज किया गया.
कार्य योजना में शामिल करने के लिए ग्राम पंचायत की बैठक में इसका कोई प्रस्ताव भी नहीं पास किया गया. हालांकि, समय से मामला जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के संज्ञान में आने पर उन्होंने आगे के भुगतान पर रोक लगा कर पूरे मामले पर जांच बैठ दी है. जांच में दोषी पाए जाने के बाद एफआईआर करवाने की भी बात जिलाधिकारी ने कही है. इस पूरे मामले को लेकर आज सपा के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव और पूर्व विधायक उदयराज यादव के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है.
जिलाधिकारी ने कही ये बड़ी बात
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में ओपन जिम बनाए जाने के संबंध में कुछ ग्राम पंचायतों से शिकायत आई थी कि सामान खरीदने में वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया है. इसकी जांच जिला पंचायत राज अधिकारी से कराई गई. जिला पंचायत राज अधिकारी की आख्या प्राप्त हुई है कि जनपद में अभी केवल 20 जगह इसकी खरीद हुई थी. मैंने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया है कि इन 20 ग्राम सभाओं में देख लें कि नियमों का अनुपालन हुआ है या नहीं. यदि नहीं हुआ है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें और यदि वित्तीय नियमों के अनुसार हुआ है तो किन नियमों के अनुसार हुआ है यह भी स्पष्ट करें और यह भविष्य में ये सुनिश्चित करने के लिए डीपीआरओ और सीडीओ को निर्देशित कर दिया गया है कि किसी भी तरह की अनियमितता ना हो.
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