Farm Laws Repeal: सीएम हेमंत सोरेन बोले- इस्तीफा दें कृषि मंत्री, आंदोलन में मारे गए किसानों को मिले शहीद का दर्जा
Farm Laws: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की, ये बहुत ही हास्यास्पद है. केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
Farm Laws Repeal CM Hemant Soren Reaction: केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. आज गुरु पुर्णिमा के मौके पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है. कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान होने के बाद झारखंड में लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा है कि अविलंब केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
देश में आज भी लोकतंत्र जिंदा है
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक के बाद कई ट्वीट किए. सीएम ने कहा कि, ' आज सुबह-सुबह देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने काले कृषि क़ानून को वापस लेने की घोषणा की. यह बहुत ही हास्यास्पद घोषणा है. अब पूरी भाजपा इस प्रचार में लगी है कि प्रधानमंत्री जी किसानों के हितैषी दिखें! यह बात साबित हुई है कि देश में आज भी लोकतंत्र जिंदा है.'
शहीद का दर्जा दें
दूसरे ट्वीट में सीएम सोरेन ने कहा कि, ' हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री जी तत्काल इस आंदोलन में मारे गए किसानों को 5-5 करोड़ रुपए मुआवज़ा दें और उन्हें शहीद का दर्जा दें. मारे गए किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी दें. उनके ऊपर जो FIR हुए हैं, न्यायालय में मामले लम्बित हैं, उन्हें अविलंब वापस ले.'
हम माँग करते हैं कि प्रधानमंत्री जी तत्काल इस आंदोलन में मारे गए किसानों को 5-5 करोड़ रुपए मुआवज़ा दें और उन्हें शहीद का दर्जा दें। मारे गए किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी दें। उनके ऊपर जो FIR हुए हैं, न्यायालय में मामले लम्बित हैं, उन्हें अविलंब वापस ले। (2)
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 19, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए
तीसरे ट्वीट में सीएम सोरेन ने कहा कि, ' और इतने वक्त तक किसान जो सड़कों पर थे, जो घर-बार छोड़कर बाल-बच्चों के साथ सड़क पर थे, उन देश के सभी किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति के लिए 10-10 लाख रुपए दें. साथ ही अविलंब केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. '
और इतने वक्त तक किसान जो सड़कों पर थे, जो घर-बार छोड़कर बाल-बच्चों के साथ सड़क पर थे, उन देश के सभी किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति के लिए 10-10 लाख रुपए दें।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 19, 2021
साथ ही अविलंब केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
किसान की जय
इससे पहले झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ट्वीट कर कहा था कि, 'किसान की जय, किसान सदैव हैं अजय. संघर्ष और सत्याग्रह की हुई जीत, हारा अहंकार. सत्यमेव जयते!!!'
संघर्ष की जीत हुई है
कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि, 'पूरे देश के कृषकों को नमन. आज दम्भ के समक्ष संघर्ष की जीत हुई है. तीनों काले क़ानून वापस. #किसानआंदोलन'
पूरे देश के कृषकों को नमन।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) November 19, 2021
आज दम्भ के समक्ष संघर्ष की जीत हुई है।
तीनों काले क़ानून वापस। #किसानआंदोलन
घर लौटें, खेतों में लौटें किसान
बता दें कि, राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी. पीएम ने कहा-मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए. आज गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. आज मैं आपको ये बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें.
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