'सपा की गिरी हुई सोच...', सपा सांसद रामगोपाल यादव के बयान पर ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया
Om Prakash Rajbhar on Ram Gopal Yadav Controversy: सुभासपा की अहम बैठक में ओम प्रकाश राजभर ने व्योमिका सिंह पर रामगोपाल यादव द्वारा की गई टिप्पणी को दलित और महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया.

UP News: लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित दयालबाग में गुरुवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव डॉ. अरविंद राजभर और राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता अरुण राजभर मौजूद रहे.
इस बैठक में संगठन विस्तार सामाजिक न्याय शोषित-वंचित वर्गों की भागीदारी और आगामी चुनावी रणनीतियों को लेकर कई प्रस्ताव पास किए गए. पार्टी ने फिर से यह दोहराया कि जिसकी संख्या अधिक उसकी भागीदारी सुनिश्चित का सिद्धांत ही सच्चा लोकतंत्र है.
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए ओमप्रकाश राजभर ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की हाल की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया. राम गोपाल यादव ने वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसे लेकर राजभर ने इसे न केवल महिलाओं का बल्कि पूरे दलित समाज और भारतीय सेना का अपमान बताया.
राजभर ने कहा व्योमिका सिंह सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि महिला सशक्तिकरण और नए भारत की उड़ान की प्रतीक हैं. जाति के आधार पर उनका अपमान सपा की गिरी हुई सोच को दिखाता है. यह शर्मनाक और निंदनीय है, उन्होंने कहा कि सपा बार-बार दलितों महिलाओं और वंचित समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाती रही है.
सपा ने दलितों के प्रमोशन में आरक्षण भी खत्म किया- ओम प्रकाश राजभर
राजभर ने यह भी आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के शासन में 78 दलित कार्मिकों को सिर्फ इसलिए नियुक्ति से रोका गया क्योंकि वे दलित थे. उन्होंने कहा कि सपा ने दलितों के प्रमोशन में आरक्षण भी खत्म किया और दलित महापुरुषों के नाम मिटाने का प्रयास किया. उन्होंने मांग की कि सपा इस बयान के लिए देश प्रदेश और समाज से माफी मांगे.
सुभासपा का फोकस सामाजिक न्याय पर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी लंबे समय से सामाजिक न्याय और पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्गों के अधिकारों की आवाज उठाती रही है. पार्टी का मानना है कि राजनीतिक व्यवस्था में जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी मिलनी चाहिए. इस उद्देश्य से पार्टी पूरे उत्तर भारत में खासकर पूर्वांचल के क्षेत्रों में मजबूत जनाधार बनाने में जुटी है. इस बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को भी आगामी समय में गांव-गांव जाकर संगठन मजबूत करने और सामाजिक न्याय की नीति को जन-जन तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया.
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