नोएडा एयरपोर्ट की जमीन पर अवैध निर्माण, जिला प्रशासन ने 28 ग्रामीणों पर दर्ज कराया केस
UP News: नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्तार के लिए रनहेरा, कुरैब, वीरमपुर, करौली बांगर, दयानतपुर और मूढ़रह की करीब 1182 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

ग्रेटर नोएडा जेवर एयरपोर्ट के पास बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने नगला हुकम सिंह गांव के 28 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है. आरोप है कि एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर पुनर्वास और विस्थापन नीति का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों की तरफ से निर्माण कार्य किए जा रहे है.
नगला हुकमसिंह गांव के लेखपाल प्रत्यूष राही पाठक की तहरीर पर रबूपुरा कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें कहा गया है कि करीब 1182 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अधिसूचना जारी होने के बाद भी अवैध निर्माण किया जा रहा है. उस जमीन का मुआवजा किसान ले चुके हैं.
मुकदमें यह भी कहा गया कि वह जमीन नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज हो चुकी है. नागरिक उड्डयन विभाग की भूमि पर अधिग्रहण और पुनर्वास नीति का अनुचित लाभ लेने के किसान अवैध निर्माण कर रहे है. किसानों को कई बार नोटिस दिया जा चुका है. अवैध निर्माण से शासन और प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. साथ ही राजकीय क्षति पहुंच रही है.
बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता निर्माण कार्य
नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्तार के लिए रनहेरा, कुरैब, वीरमपुर, करौली बांगर, दयानतपुर और मूढ़रह की करीब 1182 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. साल 2022 में इन गांव के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है. अधिसूचना जारी करते समय कहा गया है कि जमीन के अधिग्रहण होने तक जिला प्रशासन की अनुमति के बिना निर्माण कार्य और खरीद—फरोख्त पर पूरी तरह रोक होगी.
इनके नाम दर्ज की गई एफआईआर
पुलिस ने नगला हुकमसिंह, माजरा करौली गांव निवासी नरेंद्र, हरेंद्र, धीरेन्द्र, नरेश, अंकित, सचिन, पुष्पेंद्र, अमर, बृजेश, अवधेश, वीरबहादुर, सचिन, अंकुर, दीपक, नरेंद्र, दीपक, सुंदर, विनोद, मोनू, मनीष, रसफूल, हरवीर, ध्रुव, दीपक, सुधीर, परवीन, मनीष, समयवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
पिछले माह हुई थी चार की मौत
नगला हुकुम सिंह गांव निवासी महावीर का मकान भराभराकर गिरने से चार मजदूरों की मौत हो गई थी. घटना के समय वह तीसरे मंजिल के लेंटर को खोल रहे थे. जांच के दौरान सामने आया था कि पुनर्वास और विस्थापन नीति का लाभ लेने के लिए मकान में मानकों की अनदेखी कर मकान का निर्माण किया रहा था.
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Source: IOCL























