'फर्जी वोटिंग दिखी थी तो शिकायत क्यों नहीं की', राहुल गांधी पर जमकर बरसे मंत्री सतपाल महाराज
Dehradun News: सतपाल महाराज ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकृत प्रतिनिधि और प्रत्याशी के नुमाइंदों की मौजूदगी में मतदान होता है. गलत वोटर को वहीं रोका जा सकता है.

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'फ्रॉड वोटर' वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय मतदान केंद्रों पर कांग्रेस के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं. ऐसे में यदि कहीं फर्जी वोटिंग हो रही थी तो कांग्रेस को उसी समय शिकायत करनी चाहिए थी.
समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में शनिवार को सतपाल महाराज ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकृत प्रतिनिधि और प्रत्याशी के नुमाइंदों की मौजूदगी में मतदान होता है. गलत वोटर को वहीं रोका जा सकता है. राहुल गांधी का बयान बिना प्रमाणिकता का है. चुनाव आयोग ने इस मामले में दस्तावेज मांगे हैं और प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग ही इसका जवाब देगा. मैं पूछना चाहता हूं कि जब आपकी पार्टी की नजर में यह सब हो रहा था तो आप चुप क्यों बैठे रहे?
ग्लेशियर टूटने की हो रही जांच
उत्तराखंड के धराली में खीर गंगा के ऊपर हुए हादसे को लेकर सतपाल महाराज ने कहा कि यह बादल फटने की घटना नहीं है, बल्कि ग्लेशियर में दरार आने से हुआ है. उन्होंने बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, जिसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्य कर रही हैं और शव बरामद किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा स्थल पर शिविर लगाकर स्थिति का जायजा लिया है. सरकार उपग्रहों और विशेषज्ञ अधिकारियों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों की जांच करवा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
पर्यटन पर पड़ता है असर
इस दौरान सतपाल महाराज ने यह भी स्वीकार किया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सीधा असर पर्यटन पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रबंधन और पूर्वानुमान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. डॉप्लर और रडार लगाए गए हैं, लेकिन प्रकृति की मार अप्रत्याशित होती है.
वैज्ञानिक पद्धति से की जाएगी जांच
उन्होंने आगे कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं था कि पूरा एक किलोमीटर लंबा ग्लेशियर टूट जाएगा और इतना अधिक मलवा व पानी नीचे आ जाएगा. सरकार के पास पर्याप्त संसाधन हैं और इन घटनाओं की वैज्ञानिक ढंग से स्टडी की जाएगी ताकि भविष्य में आपदा प्रबंधन और प्रभावी हो सके.
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