Mana Rescue News: UAV से ड्रोन तक... माणा हिमस्खलन में रेस्क्यू के लिए इंडियन आर्मी इन मशीनों का कर रही इस्तेमाल
Mana Avalanche में बचाव अभियान के तहत अब तक निकाले गए सभी मजदूरों को सेना और वायुसेना के आठ हेलीकॉप्टरों के माध्यम से जोशीमठ के सैन्य अस्पताल (MH) पहुंचाया गया है.

Mana Rescue Update: भारत-चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन के बाद जारी बचाव अभियान में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है. जिला प्रशासन ने सूचित किया है कि लापता बताए जा रहे श्रमिक सुनील कुमार दुर्घटना से पहले ही घर लौट चुके थे. उनके परिवार ने भी पुष्टि की है कि वह सुरक्षित हैं. इस प्रकार, अब तक प्रभावित श्रमिकों की संख्या 54 रह गई है, जबकि चार मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है.
बचाव अभियान के तहत अब तक निकाले गए सभी मजदूरों को सेना और वायुसेना के आठ हेलीकॉप्टरों के माध्यम से जोशीमठ के सैन्य अस्पताल (MH) पहुंचाया गया है. इन हेलीकॉप्टरों में सेना के पांच, वायुसेना के दो और सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक सिविल हेलीकॉप्टर शामिल था. जोशीमठ में डॉक्टरों की एक टीम लगातार घायलों का उपचार कर रही है और उनकी स्थिति पर नजर रख रही है.
हिमस्खलन में दबे चार मजदूरों को खोजने के लिए अब अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. सेना के सेंट्रल कमांड के निर्देश पर ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम (Drone-Based Intelligent Buried Object Detection System) को दिल्ली से मंगवाया गया है. इस उपकरण को वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर की सहायता से जोशीमठ पहुंचाया गया. यह विशेष डिटेक्शन सिस्टम बर्फ के नीचे दबे लोगों की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करेगा, जिससे बचाव कार्य में तेजी आएगी.
रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 17 सदस्यीय टीम भी माणा पहुंच चुकी है. यह टीम सेना और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के साथ मिलकर लापता मजदूरों की तलाश कर रही है. अभियान में भारतीय सेना की विशेषज्ञ टीमें भी लगी हुई हैं, जो कठिन परिस्थितियों में राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व कर रही हैं.
सेना द्वारा बचाव कार्यों में उच्च तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं:
UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल)
5 क्वाडकॉप्टर्स
3 मिनी RPA ड्रोन
इसके अलावा, तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के दो सदस्य भी अभियान में सहायता कर रहे हैं. इस कठिन इलाके में दबे लोगों को खोजने के लिए हिमस्खलन बचाव कुत्ता (रॉबिन) को भी तैनात किया गया है. यह विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्ता बर्फ के नीचे दबे लोगों की पहचान करने में मदद कर सकता है.
माणा क्षेत्र में बचाव कार्य लगातार जारी है. बचाव दल विपरीत परिस्थितियों में भी पूरे समर्पण के साथ कार्य कर रहा है. खराब मौसम और गहरी बर्फ के बावजूद, आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित विशेषज्ञों की मदद से लापता मजदूरों को जल्द से जल्द खोजने का प्रयास किया जा रहा है.
Lt Col मनीश श्रीवास्तव, PRO (Defence), Dehradun ने बताया कि सभी एजेंसियां आपसी समन्वय से कार्य कर रही हैं और जल्द ही लापता श्रमिकों को खोजने में सफलता मिलने की उम्मीद है. प्रशासन ने भी लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं की जाएगी.
Source: IOCL























