Maha Kumbh 2025 Highligts: महाकुंभ के पहले दिन 1.50 करोड़ लोगों ने किया स्नान, सीएम योगी ने इन लोगों को कहा थैंक्स
Maha kumbh 2025 Highligts: पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ की शुरूआत हो गई है. शाही स्नान पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, बीते दो दिनों से भक्त यहां जुटे हैं.

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Maha kumbh 2025 Highligts: प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा यानी महाकुंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान अध्यात्म के अनेक रंग बिखरेंगे.
ये महाकुंभ 12 साल के बाद आयोजित किया जा हो रहा है. हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 वर्षों के बाद हो रहे हैं जो इस अवसर को और भी ज्यादा शुभ बना रहे हैं. शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार को भरोसा है कि इस बार महाकुंभ में 35 करोड़ श्रद्धालु आएंगे.
पहले से लगा भक्तों का जमावड़ा
श्रद्धालुओं का आंकड़ा अभी से इस महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता की कहानी बयान कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत से दो दिन पहले शनिवार को रिकॉर्ड 25 लाख लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई. अधिकारियों के मुताबिक, ''यह एक भव्य महाकुंभ होगा, जिसमें दिव्यता और आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता भी दिखाई देगी क्योंकि यह एक तरह का ‘डिजिटल-महाकुंभ’ भी होगा, जिसमें एआई का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा.''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान हाल ही में कहा था कि सोमवार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाला महाकुंभ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता प्रदान करेगा. उन्होंने कहा था, ''महाकुंभ भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है. यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को अपनी प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक जड़ों से फिर से जुड़ने का मौका देता है.''
क्या बोले सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ का यह संस्करण एक भव्य, दिव्य और डिजिटल रूप से उन्नत आयोजन होगा. लगभग 10,000 एकड़ क्षेत्र में होने जा रहा यह आयोजन स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता के लिए एक अनुकरणीय मानक स्थापित करेगा. श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाने के लिए डिजिटल पर्यटक मानचित्र से शौचालयों की सफाई की निगरानी की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा स्मार्टफोन के साथ एकीकृत एआई-संचालित प्रणाली सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
उन्होंने यह भी कहा था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक भी है. महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल दुनिया के सबसे बड़े अस्थायी शहर में तब्दील हो जाता. इसमें एक बार में 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं. वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार महाकुंभ मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने स्थापित किये गये हैं और लगभग 45 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है.
सोशल मीडिया के जरिए नजर
मुख्य सचिव ने बताया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने से सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है. विभिन्न संप्रदायों के संतों के 13 अखाड़े इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. प्रयागराज में विभिन्न कार्यालयों की दीवारों को हिंदू धर्म, देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित प्रमुख घटनाओं के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाले चित्रों से सजाया गया है.
शहर के चौराहों को भी विभिन्न धार्मिक वस्तुओं जैसे कलश, शंख और सूर्य नमस्कार आसन की विभिन्न मुद्राओं से सजाया गया है. इसके अलावा, शहर के अधिकांश प्रमुख चौराहों को नया रूप दिया गया है. पुलिस द्वारा विभिन्न चौराहों और तिराहों पर बैरिकेड भी लगाए गए हैं, जो पुलिस को भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद करेंगे. संगम क्षेत्र या फाफामऊ में 30 से अधिक पंटून पुल भी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किए गए हैं.
महाकुंभ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित होने वाला पहला कुंभ मेला है. महाकुंभ 2025 में अखाड़ा क्षेत्र में अखाड़ों समेत विभिन्न संगठनों के शिविरों को हमेशा की तरह खूबसूरती से डिजाइन किया गया है, वहीं इस साल प्रवेश द्वार अपने अनूठे और विषयगत डिजाइनों से सुर्खियां बटोर रहे हैं.
आस्था का उमड़ा सैलाब
मेला क्षेत्र में थीम वाले प्रवेश द्वार देखने में आश्चर्यजनक होने के अलावा पहचान के चिह्न के रूप में भी काम कर रहे हैं. तीर्थयात्रियों को विशिष्ट संगठनों का पता लगाने और उन तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं. विभिन्न अखाड़ों और संगठनों ने न केवल अपने शिविरों को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है, बल्कि अपने प्रवेश द्वारों को भी विशिष्ट थीम के साथ डिजाइन किया है.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 'झूंसी के पास स्थित ये द्वार विभिन्न डिजाइनों में आते हैं, जिनमें हवाई जहाज के मॉडल, शिवलिंग और मुकुट शामिल हैं, जो शिविरों की समग्र भव्यता को बढ़ाते हैं.' बयान के मुताबिक पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले संगम के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. रविवार को युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों समेत लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए अपार उत्साह के साथ एकत्र हुए.
बयान के अनुसार इस दौरान श्रद्धालुओं ने इस मौके को अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़ने के अवसर के रूप में लिया. उन्होंने वीआईपी घाट और संगम पर स्नान करने के क्षणों को कैमरे में कैद करके उन्हें साझा किया. वे पल प्राचीन आस्था और आधुनिक कनेक्टिविटी के मिश्रण का प्रतीक थे. पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं.
मकर संक्रांति का स्नान आज के स्नान से भी बड़ा होगा- मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मकर संक्रांति का स्नान आज के स्नान से भी बड़ा होगा. डेढ़ साल से राज्य सरकार मेला प्रशासन के साथ मिलकर इसकी तैयारी कर रही थी. प्रयागराज शहर में और 4,000 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र में करीब 7 हजार करोड़ रुपए के कार्य किए गए हैं.महाकुंभ के लिए सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और मुझे उम्मीद है कि आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इस महाकुंभ का बहुत अच्छा अनुभव होगा.
सीएम योगी ने किया ये दावा
13 जनवरी 2025 को स्नान जारी है. इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि- मानवता के मंगलपर्व 'महाकुम्भ 2025' में 'पौष पूर्णिमा' के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया. प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, यूपी पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद! पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें.
Source: IOCL























