महाकुंभ 2025: बैंक में नौकरी, 5 साल का अज्ञातवास और फिर संन्यास, जानें केशवानंद सरस्वती की कहानी
Maha Kumbh 2025: स्वामी जितेन्द्रानंद ने बताया कि इंटरव्यू करने के एक हफ्ते बाद विवेक का फोन आया और कहा कि वह संन्यास लेना चाहते हैं. इसके बाद स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने उन्हें अपने पास बुलाया.

Maha Kumbh 2025 News: महाकुंभ में युवाओं के संन्यास की तरफ बढ़ने के भी कुछ किस्से सामने दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ आईआईटियन बैरागी बाबा है जिन्होंने क्या और क्यों की खोज में वैराग ले लिया है तो वहीं एक मल्टीनेशनल कंपनी मैं काम करने वाले शख्स ने मन अशांत रहने पर सारे ऐश्वर्या आराम छोड़कर सन्यास की दीक्षा ले ली है.
संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने हाल ही में एक मल्टीनेशनल कंपनी से मोहभंग हुए इंजीनियर को अपना शिष्य बनाया है. उन्होंने अपने शिष्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले बैंकर और फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एप्पल में नौकरी और फिर सब मोहभंग होने पर विवेक ने सन्यास ले लिया.
उन्होंने बताया कि इनका पहले नाम विवेक पांडेय था पर दीक्षित होने के बाद अब उनको केशवानंद सरस्वती नाम दिया गया है. जितेमद्रानंद सरस्वती ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि केशवानंद काफी मानसिक तौर पर परेशान थे और फिर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. 5 साल के लिए अपना घर छोड़कर चले गए अज्ञातवास में फिर लौटे.
उनके लौटने पर उनके परिवार ने कहा कि जो इच्छा है करो पर घर ही रहो. इस दौरान उन्होंने एक यूट्यूब चैनल चलाया फिर उसी दौरान उन्होंने स्वामी जितेमद्रानंद सरस्वती पर रिसर्च की और उनसे इंटरव्यू के लिए कई बार समय मांगा इस दौरान एक बार उनकी मुलाकात हुई और इंटरव्यू किया.
दुनिया से हो चुका है मोह भंग
स्वामी जितेन्द्रानंद ने बताया कि इंटरव्यू करके जाने के एक हफ्ते बाद विवेक का फोन आया और कहा कि वह संन्यास लेना चाहते हैं. इसके बाद स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने अपने पास बुलाया और 3 महीने तक परखा फिर जब लगा कि विवेक का सांसारिक दुनिया से मोह भंग हो चुका है तो उनको पिछले दिनों दीक्षा दी और अब वह संन्यास ले चुके हैं.
किसी ग्लैमर में रहना नहीं चाहते केशवानंद सरस्वती
स्वामी जितेमद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अब केशवानंद बहुत सार्वजनिक तौर पर लोगों के बीच नहीं रहना चाहते और सन्यास का पालन करते हुए अपनी भक्ति में लीन रहना चाहते हैं. केशवानंद सरस्वती ने बातचीत में कहा कि वह कोई भी इंटरव्यू नहीं देना चाहते हैं ना ही किसी ग्लैमर में रहना चाहते हैं. ग्लैमर के लिए उनकी पिछली दुनिया पर्याप्त थी पर उन्हें ईश्वर के करीब रहना है.
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