Madhumita Shukla Murder Case: अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई को डिंपल यादव ने बताया निराशाजनक, कहा- 'गुजरात में भी इसी...'
Dimple Yadav On Amarmani Tripathi Release: मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में साल 2007 में अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. दोनों की शुक्रवार को रिहाई हो गई.

UP News: कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (Madhumita Shukla Murder Case) में उम्रकैद की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि (Madhumani) की रिहाई शुक्रवार को हो गई है. इससे पहले अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई की खबर सामने के बाद आने कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी. इसी कड़ी में मैनपुरी (Mainpuri) से समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई को निराशाजनक बताया है.
डिंपल यादव ने कहा, "बहुत ही निराशाजनक है. यूपी में महिलाओं की गुजरात में भी इसी तरीके का किस्सा आया था, जो लोग आरोपी थे उनको रिहा किया गया था और बीजेपी के लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया था. आज बहुत ही अलग परिस्थितियां हैं जिससे भारत गुजर रहा है. एक अलग तरीके का मैसेज दिया जा रहा है. पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ उनको जो छोड़ा जा रहा है, मैं समझती हूं ठीक नहीं है."
साल 2007 में सुनाई गई थी उम्रकैद की सजा
गौरतलब है कि यूपी शासन के कारागार प्रशासन और सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने गुरुवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को समय से पहले रिहा करने का आदेश जारी किया था. कवियित्री मधुमिता शुक्ला की साल 2003 में हत्या हुई थी. इस मामले में 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून की विशेष अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 18 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट की सजा को बरकरार रखा था. 13 मई 2022 को मधुमणि की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अच्छे बर्ताव के चलते सजा में माफी को लेकर दया याचिका दायर की गई थी. 21 नवंबर 2022 को रिहाई का आदेश दिया गया था.
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