Lok Sabha Election 2024: यूपी में दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल रहेंगे इलेक्शन से दूर? सपा की पहली लिस्ट तैयार
UP Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव चाचा शिवपाल यादव को आजमगढ़ सीट से लड़ाना चाहते थे. आजमगढ़ समाजवादियों का गढ़ लंबे समय से रहा है. 2014 की मोदी लहर में मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे.

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी की बात करें तो सपा ने भी प्रत्याशियों की सूची पर मंथन लगभग फाइनल कर लिया है. खरमास के बाद किसी भी दिन पहले सूची जारी हो सकती है. सूत्रों के माने तो अखिलेश यादव इस बार दो सीट से चुनाव लड़ सकते हैं इनमें कन्नौज और आजमगढ़ दोनों सीट शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक जिन सीटों पर नाम फाइनल हुए हैं उसमें अखिलेश यादव खुद कन्नौज और आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी. धर्मेंद्र यादव को बदायूं से प्रत्याशी बनाया जाएगा. फिरोजाबाद से अक्षय यादव प्रत्याशी रहेंगे. अंबेडकरशिव नगर से लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को सपा प्रत्याशी बना सकती है. अयोध्या से अवधेश प्रसाद प्रत्याशी होंगे.
इन नामों की भी हो रही है चर्चा
सपा में इनके अलावा जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की चर्चा हैं उनमें बस्ती से रामप्रसाद चौधरी के नाम पर मंथन हो रहा है. गोरखपुर मंडल की किसी सीट जिसमें संत कबीर नगर या देवरिया हो सकती है से हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी को चुनाव लड़ाने की तैयारी है. वहीं गाजीपुर से समाजवादी पार्टी अफजाल अंसारी को चुनाव लड़ाने के मूड में है. मोहनलालगंज सीट से आर के चौधरी प्रत्याशी हो सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव कन्नौज के साथ-साथ आजमगढ़ भी चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. इसके पीछे का कारण यह है की अखिलेश चाचा शिवपाल को आजमगढ़ से लड़ाना चाहते थे, लेकिन शिवपाल यादव जसवंत नगर नहीं छोड़ना चाहते हैं. शिवपाल की इच्छा है कि आजमगढ़ से उनके बेटे आदित्य यादव को मैदान में उतारा जाए. पर पिछले दिनों हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के हाथों से यह सीट छिन जाने के बाद अब अखिलेश यादव किसी नए परिवार के व्यक्ति पर भरोसा नहीं जाता पा रहे हैं.
आजमगढ़ समाजवादियों का गढ़ लंबे समय से रहा है. 2014 में जब मोदी लहर चल रही थी उसे दौरान भी नेताजी मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद चुने गए थे. मुलायम सिंह यादव को 3,40,306 वोट मिले थे और भाजपा के रमाकांत यादव को 2,77,102 वोट मिले थे. 2019 में भी मोदी लहर में ये सीट सपा के पास रही. अखिलेश यादव इस सीट से सांसद बनकर आए. अखिलेश को इस चुनाव में 6,21,578 वोट मिले वहीं भाजपा के दिनेश लाल को 3,61,704 वोट मिले. हालांकि उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव ये सीट हार गए थे.
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