Lok Sabha Election 2024: बीजेपी के 'हनुमान' रहे दयाशंकर मिश्र बसपा के हाथी पर होंगे सवार? इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
UP Lok Sabha Election 2024: बस्ती में भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष दया शंकर मिश्रा ने भाजपा को अलविदा कहकर बसपा का दामन थाम लिया है. बसपा उन्हें अपना कैंडिडेट बना सकती हैं.
UP Lok Sabha Chunav 2024: बस्ती जनपद में राजनैतिक समीकरण अब करवट लेना शुरू कर दिया है. बस्ती लोकसभा सीट के लिए 25 मई को वोटिंग होनी है. उससे पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष दया शंकर मिश्र ने बीजेपी को अलविदा कह दिया है और वह जल्द ही बसपा का दामन थाम सकते हैं. इसके साथ ही दया शंकर मिश्र बस्ती लोकसभा सीट से बसपा कैंडिडेट के तौर पर अपनी दावेदारी ठोक सकते है.
एबीपी न्यूज से बात करते हुए बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष दया शंकर मिश्र ने बताया कि वे बसपा में शामिल हो रहे हैं और बस्ती लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ेंगे. बीजेपी प्रत्याशी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग पुष्पक विमान पर सवार है उन्हें अपने कार्यकर्ता और नेता नहीं नजर आते जिस वजह से अब ऐसे लोगों को जवाब देना जरूरी हो गया है. 32 साल तक बीजेपी में राजनीति करने वाले दया शंकर मिश्र ने कहा कि जल्द ही वे पूरे दम खम के साथ ताल ठोकेंगे.
बसपा बना सकती है कैंडिडेट
गौरतलब है कि बीजेपी ने अपने पुराने कैंडिडेट और मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी पर एक बार फिर से भरोसा जताया है तो वहीं पूर्वांचल की राजनीति के बड़े नेता, कई बार के विधायक, सांसद और मंत्री रहे चुके राम प्रसाद चौधरी सपा से गठबंधन के उम्मीदवार हैं. इन सबके बीच बसपा ने भी अब अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिया है. बसपा ने बीजेपी में ही सेंधमारी करके उनके पूर्व जिला अध्यक्ष को तोड़ा और अब उन्हें बस्ती लोकसभा से टिकट देने जा रही है.
बीजेपी से ब्राह्मण उम्मीदवार के सामने बसपा से भी ब्राह्मण कैंडिडेट के सामने आ जाने से जाहिर तौर पर बीजेपी का काफी नुकसान हो सकता है. जिसका सीधा लाभ सपा के कैंडिडेट राम प्रसाद चौधरी को मिलेगा. फिलहाल अभी बसपा की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नही हुई है. बस्ती के पूर्व जिला अध्यक्ष बीजेपी दयाशंकर मिश्र ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने बसपा ज्वाइन कर लिया है और वे टिकट की घोषणा होते ही चुनावी मैदान में उतर जायेंगे.
कौन हैं दयाशंकर मिश्र
दयाशंकर मिश्र हर्रैया क्षेत्र के रहने वाले हैं और साकेत विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले दयाशंकर मिश्र को वर्ष 2018 में जिलाध्यक्ष की कमान मिली थी. एपीएन पीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पुष्कर मिश्र कहते हैं कि पार्टी में उनकी उपेक्षा होने से वे आहत हुए और फिर ये कदम उठाया.
लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में शह और मात का खेल शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले बसपा छोड़कर बिपिन शुक्ला ने बीजेपी का दामन थाम लिया. अब बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने बीजेपी छोड़ बसपा ज्वाइन कर लिया. चर्चा है कि तराजू बराबर हो गया लेकिन जानकार बता रहे हैं कि दयाशंकर मिश्र चुनाव मैदान में आये तो तराजू बराबर का नही होगा बल्कि बीजेपी को काफी नुकसान होगा. दयाशंकर मिश्र ने बसपा ज्वाइन कर लिया इसकी पुष्टि बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर उदयभान ने की. उन्होने कहा उन के बसपा में शामिल होने से पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं.
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