कुंवर प्रणव चैंपियन पर एक्शन मोड में BJP, जुबानी जंग से गोलीबारी तक विवादों से है पुराना नाता
BJP के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है. उनका व्यवहार को लेकर पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही है.

Kunwar Pranav Singh Champion: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के साथ जुबानी जंग से शुरू हुआ विवाद अब गोलीबारी तक जा पहुंचा है. इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी और राज्य सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, “हरिद्वार में कुछ लोग, जिन पर जनता का विश्वास है, कानून को हाथ में लेकर माहौल बिगाड़ रहे हैं. यह किसी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता. प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मैंने मुख्यमंत्री से सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया है. पार्टी अपने किसी भी प्रतिनिधि को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं देगी.”
पार्टी चैंपियन को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी
पार्टी ने अभी चैंपियन के खिलाफ कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया है. भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि फिलहाल पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों में व्यस्त है. इसके बाद इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. अगर उनके जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं होती, तो उन्हें निलंबित या निष्कासित किया जा सकता है.
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है. उनका दबंग व्यवहार और अनुशासनहीनता पार्टी के लिए बार-बार सिरदर्द बन चुका है.
- 2013 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर आयोजित डिनर पार्टी में चैंपियन ने डांस करते समय गोली चला दी थी. इस घटना में राज्य आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूड़ी घायल हो गए थे.
- 2015 में हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में खनन विवाद को लेकर स्थानीय ग्रामीणों पर गोली चलाने का आरोप चैंपियन पर लगा.
- 2018 में अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल से विवाद इतना बढ़ा कि मामला पार्टी मुख्यालय तक पहुंच गया.
- 2019 में दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में एक पत्रकार को थप्पड़ मारने का आरोप चैंपियन पर लगा. इस घटना के बाद पार्टी ने उन्हें छह महीने के लिए निलंबित कर दिया. बाद में उन्होंने माफी मांगकर पार्टी में वापसी की.
- 2022 में चैंपियन के दबंग व्यवहार और विवादित छवि को देखते हुए पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया और उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया.
विवादित घटनाओं को लेकर पार्टी एक्शन के मूड में
चैंपियन की ताजा हरकतों ने भाजपा को फिर से असहज कर दिया है. पार्टी की छवि पर इस घटना का सीधा असर पड़ता दिख रहा है. प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद जनप्रतिनिधियों के इस तरह के विवाद जनता के बीच गलत संदेश भेजते हैं. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का नाम बार-बार अनुशासनहीनता और विवादित घटनाओं में सामने आने से पार्टी के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है. प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का सख्त रुख यह संकेत देता है कि पार्टी इस बार कोई ठोस कदम उठाने के मूड में है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चैंपियन जैसे नेताओं के विवाद भाजपा के "अनुशासनप्रिय" छवि के दावे को कमजोर करते हैं. पार्टी के लिए यह जरूरी है कि वह अपने जनप्रतिनिधियों पर सख्ती दिखाए, ताकि जनता में पार्टी की साख बनी रहे. चैंपियन को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुना जाएगा. अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उन्हें निलंबित या पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है. इससे पहले भी पार्टी ने चैंपियन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है, लेकिन उनकी विवादित छवि में सुधार नहीं हुआ.
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवाद पार्टी के लिए मुसीबत
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवाद भाजपा के लिए एक बार फिर असहज स्थिति पैदा कर रहा है. पार्टी को यह तय करना होगा कि वह ऐसे नेताओं के साथ कैसे निपटे, जो बार-बार विवादों में आकर उसकी साख पर बट्टा लगाते हैं. इस बार पार्टी का रुख सख्त दिख रहा है, लेकिन देखना होगा कि भाजपा इस मामले में क्या कदम उठाती है.
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Source: IOCL





















