एक्सप्लोरर

यूपी में बुआ को फायदा, अखिलेश रह गए वहीं के वहीं, जानें- यूपी में कैसे हाथी ने की साइकिल की सवारी

यूपी से जिस तरह का जनादेश आया है उससे साफ है कि जनता के सामने दोस्ती का दम भरने वाले साथी अंदर ही अंदर एक दूसरे की जड़ें काटने में लगे हुए थे।

लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ हो गया है कि यूपी में बुआ के लिए बबुआ ने संजीवनी बूटी का काम किया है। सपा-बसपा के गठबंधन से साइकिल की चाल मंद पड़ गई तो वहीं, हाथी ने रफ्तार भरते हुए 10 सीटों पर कब्जा कर लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी तो वहीं, सपा के खाते में सिर्फ पांच सीटें ही गईं थी। यूपी से जिस तरह का जनादेश आया है उससे साफ है कि जनता के सामने दोस्ती का दम भरने वाले यह साथी अंदर ही अंदर एक दूसरे की जड़ें काटने में लगे हुए थे।

अस्तित्व बचाने में कामयाब रहीं मायावती

दरअसरल, गठबंधन का असर ये हुआ कि सपा के कंधे पर चढ़कर बसपा ने अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया। बसपा ने सपा का किस तरह इस्तेमाल कर लिया, यह मतदान के प्रतिशत से दिखाई देता है। समाजवादी पार्टी को 2014 में 22.34 फीसदी वोट पड़े थे। लेकिन 2019 में अखिलेश की पार्टी के हिस्से में महज 17.96 प्रतिशत वोट ही आए। आंकड़ों से साफ है कि यूपी में सपा को 5 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है। साफ है कि मायावती ने अखिलेश का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया और यूपी में अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब रहीं।

यूपी में बुआ को फायदा, अखिलेश रह गए वहीं के वहीं, जानें- यूपी में कैसे हाथी ने की साइकिल की सवारी

अखिलेश के लिए निजी झटका

उत्तर प्रदेश में इस बार का लोकसभा चुनाव अखिलेश यादव के लिए निजी तौर पर बड़ा झटका रहा। पत्नी डिंपल यादव सहित यादव परिवार के कई लोग चुनाव हार गए। बदायूं से अखिलेश के भाई धर्मेन्द्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव तो हार ही गए। अखिलेश कन्नौज से अपनी पत्नी डिंपल यादव की सीट भी नहीं बचा पाए। हालांकि, मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, आजमगढ़ से खुद अखिलेश यादव, रामपुर से आजम खान, मुरादाबाद से एसटी हसन सपा के टिकट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। अब सच तो ये है कि अखिलेश को पत्नी और भाईयों की हार अगले पांच साल तक तकलीफ देती रहेगी। यहां एक बात पर गौर करना जरूरी है कि अखिलेश यादव को पारिवारिक झगड़े का नुकसान भी इस चुनाव में उठाना पड़ा है।

ट्रांसफर नहीं हुए वोट

सपा-बसपा के गठबंधन में सबसे बड़ा पेंच ये भी रहा कि अखिलेश की अपील पर उनके समर्थकों ने तो बसपा उम्मीदवारों को जिता दिया। लेकिन शायद मायावती के वोटों का ट्रांसफर यादव परिवार के लिए नहीं हो पाया। बीएसपी प्रमुख मायावती की राजनीति के सामने अखिलेश टिक नहीं पाए और इस बात का अंदाजा लगाने में पूरी तरह से असफल रहे कि दिल मिलने के बाद जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता एक दूसरे से अलग ही थे।

यूपी में बुआ को फायदा, अखिलेश रह गए वहीं के वहीं, जानें- यूपी में कैसे हाथी ने की साइकिल की सवारी

खत्म होने के कगार पर थी बसपा

2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा शून्य पर थी। लोकसभा में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। मायावती के लिए यह उनके जीवन का बड़ा झटका था। लेकिन इस बार उन्होंने सपा से गठबंधन करके अपने 10 उम्मीदवार जिता लिए। इस बार लोकसभा में बसपा के 10 सांसदों की आवाज गूंजेगी और सियासी जानकारों के मुताबिक बीएसपी के लिए ये बड़ी उपलब्धि है, खास तौर पर ऐसे वक्त में जब बीएसपी यूपी में खत्म होने के कगार पर थी। बसपा ने ये सफलता सपा के दम पर ही हासिल की है।

साथ तो रहे लेकिन साथी न बन सके

सपा-बसपा के गठबंधन पर बारीकी से नजर रखने वाले जावकारों का कहना है दोनों दल साथ तो थे लेकिन साथी नहीं थे। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पूरे चुनाव में खुद को ऊपर रखा। ये बात आप इन उदाहरणों से समझ सकते हैं। सबसे पहले मायावती के जन्मदिन पर अखिलेश यादव पत्नी सहित उनके घर गए। डिंपल ने मायावती के पैर भी छुए। जौनपुर में मायावती ने गठबंधन की शर्त का पालन नहीं किया, लेकिन अखिलेश कुछ भी नहीं कर पाए।

यूपी में बुआ को फायदा, अखिलेश रह गए वहीं के वहीं, जानें- यूपी में कैसे हाथी ने की साइकिल की सवारी

अखिलेश की एक नहीं चली

गाजीपुर में मायावती ने उन्हीं अंसारी बंधुओं पर भरोसा जताया, जिनकी वजह से यादव परिवार में घमासान हुआ था। यहां भी अखिलेश की एक नहीं चली। सिर्फ अखिलेश ही नहीं मायावती ने सपा कार्यकर्ताओं को डांटने फटकारने और नसीहत देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सियासत में हाव-भाव बड़े मायने रखते हैं, क्योंकि इसका प्रभाव बड़ा गहरा होता है। जमीनी स्तर पर राजनीति नाक की लड़ाई होती है और पूरे प्रचार के दौरान मायावती ने अपनी नाक हमेशा ऊपर ही रखी।

अखिलेश के सामने सपा को बचाने की चुनौती

मायावती की नजर अब भविष्य पर है। ऐसे में स्वाभाविक रुप से उनकी राजनीतिक मोलभाव की क्षमता भी ज्यादा हो गई है। उन्हें अब इससे आगे का रास्ता तय करना है। जबकि अखिलेश यादव के सामने अपना किला बचाने की चुनौती है। हालांकि, मायावती ने जो सीटें जीती हैं उससे बीजेपी का नुकसान हुआ है। लेकिन ऐसा उन्होंने समाजवादी पार्टी की मदद से किया है। लेकिन इस मदद का अखिलेश यादव को कोई फायदा नहीं हुआ। अनुभवी समाजवादी मुलायम सिंह यादव वास्तविक स्थिति से वाकिफ थे, उन्होंने अखिलेश को चेतावनी भी दी थी। लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया, जिसका खमियाजा चुनाव परिणामों में दिखाई देता है।

यूपी में बुआ को फायदा, अखिलेश रह गए वहीं के वहीं, जानें- यूपी में कैसे हाथी ने की साइकिल की सवारी

ध्वस्त हो गए समीकरण

सियासत की केमिस्ट्री को समझ पाने में सियासी दल भी फेल हो जाते हैं। यदि ऐसा न होता तो यूपी में नतीजे अलग होते और सपा-बसपा का गठबंधन यहां बड़ी ताकत बनकर उभरता। फिलहाल भविष्य में गठबंधन का क्या होगा ये तो सपा-बसपा के नेता जानें लेकिन आज ये साफ है कि जनता और जनादेश जिसके साथ है उसके सामने सारे समीकरण ध्वस्त हो गए हैं।

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

India Russia Missile: भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
Akhanda 2 X Review: रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'

वीडियोज

Delhi News: सैनिक फार्म में बुलडोजर कार्रवाई, देखते ही देखते ढह गया मकान | Bulldozer Action
MP News: Bhopal में चलती कार में लगी भीषण आग... हादसे में 5 लोग जलकर राख | Road Accident | abp News
Goa Night Club Fire Update: 2-3 दिन में गोवा पुलिस की हिरासत में होंगे लूथरा बंधू | Breaking News
सीक्रेट लव का शैतान दुश्मन | Sansani
TMC सांसद ने मकर द्वार पर सुलगाई सिगरेट...Giriraj Singh ने सांसद को टोका | ABP News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India Russia Missile: भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
Akhanda 2 X Review: रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 गेंदों में गिरे 5 विकेट, टीम इंडिया के नाम बना शर्मनाक रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 गेंदों में गिरे 5 विकेट, टीम इंडिया के नाम बना शर्मनाक रिकॉर्ड
हाथों-नाखूनों में दिखने वाले ये 5 बदलाव हो सकते हैं गंभीर बीमारी का संकेत, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
हाथों-नाखूनों में दिखने वाले ये 5 बदलाव हो सकते हैं गंभीर बीमारी का संकेत, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करने हैं तो इन जगहों पर करें निवेश
बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करने हैं तो इन जगहों पर करें निवेश
दिनभर लैपटॉप पर झुके रहते हैं? फिजियोथेरेपिस्ट से जानें ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए आसान टिप्स
दिनभर लैपटॉप पर झुके रहते हैं? फिजियोथेरेपिस्ट से जानें ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए आसान टिप्स
Embed widget