Kedarnath Dham Kapaat Bandh: 16.56 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, 23 अक्टूबर को कपाट होंगे बंद
Kedarnath Dham: प्रदेश में लगातार हुई बारिश और आपदा ने आस्था का पहिया कुछ दिन के लिए रोका जरूर था, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था के कदम आपदा और बारिश भी रोक नहीं पाई.

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद हो जाएंगे.अभी यात्रा में लगभग 15 दिन बाकी हैं. इसी बीच यहां तीर्थ यात्रियों की संख्या में नया रिकॉर्ड बनता हुआ दिखाई दे रहा है. चार धाम यात्रा में इस बार केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. बुधवार को यहां अब तक पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा 16 लाख 56 हजार से पर हो चुका है. वहीं, बीते वर्ष 2024 में यही आंकड़ा 16 लाख 52 हजार था.
प्रदेश में लगातार हुई बारिश और आपदा ने आस्था का पहिया कुछ दिन के लिए रोका जरूर था, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था के कदम आपदा और बारिश भी रोक नहीं पाई. इस सब के बावजूद भी तीर्थ यात्रियों में बाबा केदार के दर्शन करने के लिए भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. अगर बुधवार की बात की जाए, तो बीते रोज केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए.
भैया दूज पर बंद होंगे कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे. यात्रियों के लिए अभी लगभग 15 दिन और बाकी हैं, ऐसे में तीर्थ यात्री लगातार बाबा केदार के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यात्रियों की संख्या ने इस बार पिछले साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है. इसे प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है. यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी मशीनों की व्यवस्था की गई है.
2 मई को खुले थे केदारनाथ धाम के कपाट
30 अप्रैल 2025 को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज़ हुआ था. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे. बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चार धाम यात्रा पूरी तरह प्रभावित हुई. बारिश होने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्ध स्तर पर काम किया.
आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारु किया गया. दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतज़ामों के साथ शुरू की गई. प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें. यदि यात्रा मार्ग में हैं तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें.
सीएम धामी ने दिए सुरक्षा के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा से जुड़े सभी जिला अधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि यात्रा में किसी प्रकार का व्यवधान न पड़े और यहां आने वाले यात्री सुरक्षित रहें.
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Source: IOCL























