मदरसों का सवाल उठा कर संसद में गरजीं इकरा हसन, केंद्र सरकार से पूछा- क्या यही सबका साथ सबका विकास है?
उत्तर प्रदेश स्थित कैराना से सांसद और सपा नेता इकरा हसन ने केंद्र सरकार पर बड़ा जुबानी हमला बोला है. उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन NDA के प्रमुख दल BJP के नारे पर वार करते हुए टिप्पणी की है.

UP News: उत्तर प्रदेश स्थित कैराना से लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी की नेता लोकसभा में खूब गरजीं. बजट पर अपनी बा रखते हुए लगभग 8 मिनट के संबोधन में उन्होंने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे. इकरा ने केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन के प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी के नारे- सबका साथ, सबका विकास पर भी सवाल उठाए.
केंद्रीय बजट में शिक्षा के लिए दिए प्रस्ताव और आवंटन के मुद्दे पर कैराना सांसद ने कहा कि सरकार कह रही है कि डिजिटल इंडिया और एआई से तालीम का इंतजाम होगा. मगर जरा जमीन पर देखिए उत्तर प्रदेश में सिर्फ 22% सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर है. संसदीय क्षेत्र केराना में कई सरकारी स्कूल शिक्षक ना होने की वजह से बंद हैं और मदरसा एजुकेशन के बजट में 57 पर की कटौती कर दी गई है क्या यही सबका साथ सबका विकास है?
सांसद ने कहा कि इसी तर तर्ज पर अस्पताल है. जहां पर डॉक्टर नहीं है. आर्टिकल 47 अच्छी सेहत और जिंदगी के स्टैंडर्ड को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है. राज्य की जिम्मेदारी है कि लोगों की सेहत और उनके जीवन को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठाए लेकिन हकीकत यह है कि इस बजट का सिर्फ 2% ही आम जनता तक पहुंच पाता है.
शामली का किया जिक्र
शामली का जिक्र करते हुए सपा सांसद ने कहा कि शामली जिले में 84 डॉक्टर की पोस्ट स्वीकृत है मगर सिर्फ 29 डॉक्टर काम कर रहे हैं और गायनेकोलॉजिस्ट मात्र एक है. दवाइयों की कीमतें बढ़ती जा रही है मगर गरीबों के लिए कोई राहत नहीं है.
कैराना एमपी ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि साल 2016 में कहा गया था कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी मगरसाल 2025 आ गया और एमएसपी पर कोई ठोस गारंटी आज भी दी नहीं गई है. गन्ना किसानों का बकाया अब तक नहीं मिल पा रहा है और तो और उत्तर प्रदेश में अभी तक ग्या मूल्य भी नहीं किया गया है.
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