ग्रेटर नोएडा: दोगुने पैसे का झांसा देकर 16 लाख से ज्यादा की ठगी, पुलिस ने 6 शातिर ठगों को दबोचा
Greater Noida News: पुलिस ने जौनपुर निवासी शुभम तिवारी, नवीन सिंह, बिहार निवासी इंद्रमणि एवं चंचल, निराला एस्पायर निवासी गौरव गुप्ता और रितेश को गिरफ्तार किया है. 6 आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

ग्रेटर नोएडा सट्टे में पैसे लगाकर दोगुना करने का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 6 आरोपियों को बिसरख कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके कब्जे से दो लग्जरी कारें, धोखाधड़ी के पांच लाख 75 हजार रुपये, रुपये गिनने की मशीन, 6 मोबाइल, तीन ट्रॉली बैग नोटनुमा कागज की गड्डी से भरे हुए और पांच फर्जी आधार कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है.
पुलिस ने जौनपुर निवासी शुभम तिवारी पुत्र बृजनाथ तिवारी, बस्ती निवासी नवीन सिंह पुत्र शत्रुघ्न सिंह, बिहार निवासी इंद्रमणि पुत्र मनोज चौरसिया एवं चंचल पुत्र तरुण मिश्रा, निराला एस्पायर निवासी गौरव गुप्ता पुत्र केदारनाथ, रितेश पुत्र अनुज को गिरफ्तार किया है.
मामले में सेंट्रल डीसीपी ने दी यह जानकारी
सेंट्रल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि क्रॉसिंग रिपब्लिक गाजियाबाद निवासी दीपिका अग्रवाल ने बिसरख कोतवाली में शिकायत दी कि उनके जीजा विशाल अग्रवाल पिछले दस दिनों से किसी सोनू यादव नाम के शख्स से बातचीत कर रहे थे. जो पैसे दोगुने करने की बात कह रहा था.
दीपिका ने भाई के माध्यम से 16.50 लाख रुपये की व्यवस्था की. उसके बाद जीजा जोकि डॉक्टर है, उनके साथ 4 दिसंबर को गौड़ सिटी मॉल पहुंचे. यहां उनकी मुलाकात सोनू यादव से हुई. वह अपनी कार में बैठाकर उन्हें सेंच्यूरियन टेरेसा होम्स सोसाइटी ले गए.
इस तरह लगाया चूना
सोसाइटी में पहले से ही दो युवक मौजूद थे. उन चारों ने दीपिका से पैसे ले लिए और दो गुने पैसो से भरा बैग थमा दिया. सोनू यादव और छोटू उन्हें लेकर फ्लैट से नीचे आए और कार से ब्लू सफायर मॉल पहुंचे. वहां से वह चले गए. उन्होंने बैग चेक किया तो नोटों की गड्डी के ऊपर केवल एक असली नोट था और नीचे कागज की गड्डी थी. वापस लौटे तो उन्हें फ्लैट खाली मिला.
एक फ्लैट में एक घटना को अंजाम देकर हो जाते थे फरार
यह गैंग लोगों को दोगुना धन करने का लालच देकर सट्टे में पैसे लगाने की बात कहकर धोखाधड़ी किया करता है. गिरोह में 6 से सात लोग शामिल है. दो युवक लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. वह ऐसे लोगों को टारगेट करते थे, जोकि अपने पास नगदी रखते है. आरोपी फ्लैट में एक तख्त रखते थे. जिसे काटकर एक छेद बनाया हुआ है.
तख्त के नीचे से होता था बड़ा खेल
तख्त को दीवार के पास रखते थे और दीवार में भी एक छेद किया जाता. तख्त पर एक आरोपी पैसे गिनकर बैग में गड्डियांं रखने का काम करता था. दूसरा नोटों की असली गड्डियों को चौकी के नीचे बैठे व्यक्ति को पकडा देता था. कागज की गड्डियों पर एक असली नोट लगाकर बैग में रख देता था. यह पूरी धोखाधड़ी इस तरह की जाती कि सामने वाले को उसकी भनक तक नहीं लगती थी.
आरोपी अपने पास पैसे गिनने की मशीन भी रखते थे. असली नोट दिखाकर बैग में नकली रखे जाते थे. साथ ही सामने वाला असली ही बैग में नोट समझता था. जो भी व्यक्ति पैसे दोगुना करने जाता था, उसे अपने सामने गिनने नहीं दिया जाता था और बैग को खुद बंद कर लॉक कर दिया जाता था.
गाजियाबाद से लेकर फरीदाबाद तक फैला है जाल
इस गिरोह में शामिल इंद्रमणि और चंचल गाजियाबाद में भी ठगी कर चुके है. एसटीएफ और पुलिस ने इस गैंग के 6 सदस्य को गिरफ्तार किय था. बिसरख पुलिस की गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी इंद्रमणि और चंचल फरार चल रहे थे. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को बदलने के नाम पर धोखाधड़ी की थी.
साथ ही यह गिरोह 500-500 रुपये की गड्डी लेकर 100, 500, 20 और दस रुपये की गड्डी देने का झांसा देकर भी फरीदाबाद में ठगी कर चुका है. घटना को अंजाम देने के बाद वह किसी होटल में जाकर ठहरते थे.
पढ़े लिखे है ठगी आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों में इंजीनियर, बीबीए छात्र, एमकॉम पास, होटल संचालक से लेकर एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बिजनेस करने वाले शामिल हैं. शुभम तिवारी पॉलीटेक्निक का डिप्लोमा लेने के बाद कस्टम एक्सपोर्ट इंपोर्ट का काम करता है, चीन में दफ्तर है.
नवीन सिंह ने बीबीए और इंद्रमणि इंजीनियर है. गौरव गुप्ता ने एमकॉम तक पढाई की है, तो रितेश 12वीं पास है. चंचल डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल का कोर्स कर चुका है.
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Source: IOCL























