Gorakhpur: गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को CM योगी ने दी श्रद्धांजलि, योगदान को किया याद
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने शिक्षा और स्वास्थ्य की अलख जगाने के साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

UP News: गोरखनाथ (Gorakhnath) मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि सप्ताह के अवसर पर श्रीराम कथा (Ramkatha) का आयोजन हो रहा है. इस अवसर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ ने शिक्षा और स्वास्थ्य की अलख जगाने के साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ ने भी आजादी से पहले शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के उद्देश्य से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की नींव रखी. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने जिस पौधे को रोपा, उसे ब्रह्मीन महंत अवेद्यनाथ ने वृक्ष का रूप दिया. आज चार दर्जन से भी अधिक संस्थाएं शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर समाज को संदेश दे रही है कि आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना जरूरी है.
शास्त्र के साथ शस्त्र संधान करने की परंपरा रही है - सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत ने गोरक्षपीठ के तत्कालीन महंत गोपालनाथ जी को गिरफ्तार कर लिया था. उन पर आरोप था कि वह क्रांतिकारियों को प्रश्रय देते रहे हैं. जब भी जरूरत पड़ी सनातन धर्म की रक्षा के लिए संतों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म किसी के द्वारा आप पर की गई कृपा और उसके प्रति कृपा ज्ञापित करना है. उन्होंने कहा कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र का संधान करने की हमारे संत समाज की समृद्ध परंपरा रही है. यह हमारी हजारों वर्षों की विरासत भी है. सीएम योगी ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करना आवश्यक है.
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नई शिक्षा नीति भी गुरुकुल की आधुनिक परम्परा - सीएम योगी
नैमिषारण्य धाम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह धाम हमारी वैदिक परंपरा को लिपिबद्ध करने की धरती है. वर्तमान में कम ही लोग इसे जान पाते हैं. पूरी दुनिया जब कोरोना महामारी से त्रस्त थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाए. यह शिक्षा नीति युवाओं को सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान देने के साथ तकनीकी ज्ञान में भी सक्षम बनाने का माध्यम है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी प्राचीन गुरुकुल परंपरा को आधुनिक स्वरूप देने का एक सारगर्भित प्रयास भी है. सीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया नए भारत की शक्ति को स्वीकार कर रही है.
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