गोंडा में स्वयं सहायता समूह के नाम पर 1.31 करोड़ का घोटाला, CDO ने रिकवरी के लिए भेजा नोटिस
Gonda News: जांच में सामने आया कि कम पढ़ी-लिखी ग्रामीण महिलाओं के नाम पर समूह बनाकर, उनके लिए स्वीकृत ऋण राशि को ग्राम संगठन के पदाधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से बंटरबांट कर लिया.

उत्तर प्रदेश के गोंडा में स्वयं सहायता समूह के नाम पर लगभग एक करोड़ 31 लाख रुपये के घोटाले के खुलासा हुआ है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है. जाँच कमेटी ने इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी को रिपोर्ट भेजी है, जिसके बाद सरकारी धन रिकवरी के लिए नोटिस भेजा गया है. जवाब नहीं मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी.
गोंडा के रुपईडीह ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह (SHG) के नाम पर 1.31 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया कि कम पढ़ी-लिखी ग्रामीण महिलाओं के नाम पर समूह बनाकर, उनके लिए स्वीकृत ऋण राशि को ग्राम संगठन के पदाधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से बंटरबांट कर लिया.
निर्धारित सीमा से ज्यादा हुआ भुगतान
जांच कमेटी ने घोटाले की पुष्टि करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार, कई समूहों में निर्धारित सीमा से कई गुना ज्यादा भुगतान किया गया है.
जांच में सामने आया कि जहां प्रत्येक समूह को अधिकतम 1.50 लाख रुपये मिलने चाहिए थे, वहीं कुछ समूहों में 10 से 15 लाख रुपये तक की रकम निकाल ली. इसी अनियमित भुगतान की वजह से क़रीब 1.31 करोड़ रुपये का गबन कर लिया गया. ये पूरा लेन-देन ग्राम संगठन स्तर पर चेक और नकद में किया गया. लाभार्थी महिलाओं को न जानकारी दी गई और ना ही उनके खातों में पूरी राशि पहुंची.
जांच में यह भी सामने आया कि कई महिलाओं को यह तक पता नहीं कि उनके नाम पर लाखों रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ और निकाल भी लिया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि कम-से-कम छह ग्राम संगठन इस पूरे मामले में संदिग्ध पाए गए हैं. इनके पदाधिकारियों ने मिलकर समूहों की राशि का दुरुपयोग किया, जबकि इससे जुड़े अधिकारियों पर भी सवाल उठे हैं.
सीडीओ को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की पूरी संभावना जताई जा रही है. संबंधित अधिकारियों, ग्राम संगठन पदाधिकारियों और अन्य जुड़े लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तक की तैयारी की जा रही है.
इन सहायता समूहों पर गबन का आरोप
जिन स्वयं सहायता समूह पर सरकारी धन के गबन करने का आरोप लगा है वो हैं- रुपईडीह विकासखंड के अंतर्गत नंदबाबा ग्राम संगठन और पंचमुखी मनोहर जोत के साथ-साथ जय माता दी स्वयं सहायता समूह. भारतीय क्लस्टर लेवल फेडरेशन नंद बाबा और जय माता दी इनके माध्यम से 15 लाख 80 हजार रुपए का गबन किया गया.
- भारती क्लस्टर लेवल फेडरेशन के अंतर्गत किसान ग्राम संगठन और लक्ष्मी समूह द्वारा 10 लाख 50 हजार का गबन किया गया.
- भारतीय क्लस्टर लेवल फेडरेशन के अंतर्गत किसान ग्राम संगठन और लक्ष्मी समूह ने 4 लाख ₹50000 का गबन किया.
- भारती क्लस्टर लेवल फेडरेशन के अंतर्गत कोमल आजीविका ग्राम संगठन और फार्म पदमा ट्रेडर्स और जय माता दी स्वयं सहायता समूह इन सभी ने मिलकर 21 लाख 60 रुपए का गबन किया.
- मनोहर लाल क्लस्टर लेवल फेडरेशन के अंतर्गत महिला शक्ति ग्राम संगठन 15 लाख 75000 का गबन किया है.
- राधा महिला ग्राम संगठन और लक्ष्मी आजीविका और दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह में मिलकर 16 लाख ₹50 हजार का गबन किया.
- अवस्थी पेंट स्वयं सहायता समूह मल्लापुर फरेंदा शुक्ला के पदाधिकारी के साथ सावित्री देवी ग्राम संगठन ने 10 लाख 80 हजार का गबन किया है.
- शक्ति प्रेरणा भरकुंडी के पदाधिकारी ने आपस में मिलकर ₹3 लाख 63000 और शक्ति प्रेरणा भरकुंडी 8 लाख 52000 का गबन किया है.
मुख्य विकास अधिकारी ने भेजा लीगल नोटिस
जिले के मुख्य विकास अधिकारी अंकित जैन ने ABP न्यूज से बातचीत में कहा कि सरकारी धन के दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. और हर हाल में सरकारी धन के बंदरबाट करने वालों से रिकवरी की जाएगी. आरोपी समूहों को लीगल नोटिस दिया गया है. जल्द ही एफआईआर की कार्रवाई भी की जाएगी.
Source: IOCL






















