गाजियाबाद न्यूजः अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर लगेगी रोक, EWS-LIG निर्माण में लापरवाह बिल्डरों पर एक्शन
UP News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिया. बैठक में मुख्य रूप से अनाधिकृत कॉलोनियों, निजी बिल्डरों की परियोजनाओं और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन पर विस्तृत चर्चा हुई.
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे. इसके लिए प्राधिकरण निबंधक कार्यालय, नगर निगम, विद्युत विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को पत्र भेजकर सहयोग मांगेगा. अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि किसी भी तरह से अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री न हो. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक माना गया है.
ग्रुप हाउसिंग परियोजना की समीक्षा
इसके साथ ही, जीडीए ने निजी बिल्डरों द्वारा विकसित की जा रही ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) भवनों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में पाया गया कि कई बिल्डरों ने निर्धारित लक्ष्य के अनुसार भवनों का निर्माण नहीं किया है. ऐसे बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए, ताकि आमजन के हितों की अनदेखी न हो.
IGRS व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार के निर्देश
आईजीआरएस व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए प्रभारी आईजीआरएस/ओएसडी को रोज़ाना कम से कम 5 शिकायतों की गुणवत्ता जांच करने का निर्देश दिया गया. वहीं, जिन भवनों को सील कर पुलिस अभिरक्षा में दिया गया है, उनकी लगातार मॉनिटरिंग करने और उल्लंघन पर कड़ी कार्यवाही करने का भी आदेश दिया गया.
कैलाश मानसरोवर भवन ट्रांसफर पर हुई चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के क्रम में इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन के हस्तांतरण और रोडवेज बस अड्डे के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा हुई. बस अड्डे के निर्माण में निजी फर्म द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्राधिकरण की रेवेन्यू शेयरिंग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया, ताकि भविष्य में जब निजी फर्म व्यावसायिक लाभ कमाए तो प्राधिकरण को भी आर्थिक फायदा मिल सके.
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Source: IOCL





















