'ये लोकतंत्र की परंपरा रही है', राहुल गांधी के आरोपों पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला का BJP पर हमला
Aligarh News: राहुल गांधी के आरोप पर राजीव शुक्ला ने कहा कि यहां पर हमेशा यह परंपरा रही है कि जब भी किसी देश का राष्ट्रीय अध्यक्ष आता है तो विपक्ष के नेता से मिलवाया जाता है.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं देने का आरोप लगाया है, जिस कांग्रेस सांसद और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां ये परंपरा रही है कि विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की LoP से मुलाकात कराई जाती है. इस परंपरा को तोड़ना नहीं चाहिए.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नार्थ जोन यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच में पहुंचे थे, जहां उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पहले परंपरा रही है कि किसी भी राष्ट्र अध्यक्ष को विपक्ष से भी मिलवाया जाए लेकिन, अब भाजपा के लोग सिर्फ अपने आप से मिलवा कर विपक्ष को दरकिनार कर रहे हैं.
राहुल गांधी के आरोपों का किया समर्थन
राहुल गांधी के आरोप पर राजीव शुक्ला ने कहा कि यहां पर हमेशा यह परंपरा रही है कि जब भी किसी देश का राष्ट्रीय अध्यक्ष आता है तो विपक्ष के नेता से मिलवाया जाता है. अटल जी ने भी इस चीज को हमेशा निभाया, मनमोहन सिंह जी ने भी निभाया. अभी जो राहुल जी ने कहा वह सही है. यह चीज पहले से रही है.
उन्होंने कहा कि अब अपने आप से मिलने के अलावा किसी को मिलने नहीं दे रहे. यह उचित नही है. लोकतंत्र में और जो विदेश नीति मैं परंपरा रही है. कहा जाता रहा है कि विदेश मंत्रालय की जो परंपरा है उसे रखना चाहिए कि प्राइम मिनिस्टर प्रेसिडेंट से मिले तो वो विपक्ष के नेता से भी मिले. यह होना चाहिए ऐसी परंपरा को तोड़ना नहीं चाहिए.
चुनाव आयोग पर भी लगाए गंभीर आरोप
एसआइआर मामले पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिस तरह से बीएलओ की मौत हो रही है वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जवान लोग इस तरह से मर रहे हैं यह चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. चुनाव आयोग ऐसा लगता है कि बिल्कुल बहरा हो गया. जो मनमानी है वह कर रहा है. जो सरकार कह रही है वो कर रहा है.
अब चुनाव आयोग सुन नहीं रहा और वही काम कर रहा है जो उसको करने हैं. काफी गड़बड़ियां हो रही हैं, चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है अगर किसी के मन मे शंका है चुनाव प्रक्रिया को लेकर की सही ढंग से नहीं हो रहा है तो चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों के दिलों दिमाग से शंका को निकाले. लेकिन यहां तो उल्टा है. चुनाव आयोग के खिलाफ कुछ भी बोल दो तो भाजपा उसके समर्थन में खड़ी हो जाती है कि जैसे दोनों की मिली भगत है.
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