Basti News: बस्ती में फोन करने के बाद भी नहीं पहुंची एंबुलेंस, महिला ने जमीन पर दिया बच्चे को जन्म
UP के बस्ती में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है. दरअसल, यहां प्रसव पीड़ा से परेशान महिला के पास कॉल के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची और उसने जमीन पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.
Poor Health Facilities in Basti: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) भले ही स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हो. लेकिन उनके तमाम प्रयासों के बाद भी उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य व्यवस्था लचर ही नजर आती है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज से एक खबर सामने आई है. यहां पर देर रात कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रमवापुर गांव की रहने वाली सीमा देवी 22 वर्ष पत्नी भूपति को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो परिजनों ने उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए पहले 102 एंबुलेंस पर फोन किया, फोन करने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज पर खड़ी 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों को मरीज के लाने के लिए आईडी दी गई लेकिन आईडी मिलने के कुछ देर बाद यह कहते हुए कॉल को डाइवर्ट कर दिया गया कि 108 एंबुलेंस हरैया को आईडी दी गई है. कप्तानगंज सीएससी पर खड़ी 102 एंबुलेंस खराब है.
महिला ने जमीन पर दिया बच्चे को जन्म
फोन करने वाले मरीज के परिजनों को बताया गया कि हरैया से 108 की एंबुलेंस आपके पास भेजी जा रही है लेकिन फोन करने के करीब 1 घंटे बीत जाने के बाद 15 किलोमीटर की दूरी से एंबुलेंस प्रसव पीड़ित महिला को लेने नहीं पहुंच सकी. एंबुलेंस का इंतजार करते समय घर के कुछ दूरी पर ही प्रसव पीड़ित महिला ने जमीन पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. प्रसव होने के बाद आशा बहू और परिजनों ने जच्चा बच्चा दोनों को उसी हालत में एक ठेले पर बैठाकर करीब 2 किलोमीटर की दूरी तय कर कप्तानगंज कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे.
प्रसव के बाद ठेले से अस्पताल पहुंची महिला
ठेले पर पहुंची महिला का अस्पताल कर्मचारियों ने बच्चे की नाल काटी और आनन-फानन में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार शुरू किया. गनीमत रही अस्पताल पहुंचने पर जच्चा-बच्चा दोनों का इलाज शुरू हो गया नहीं तो स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा किसी बड़ी अनहोनी के साथ भुगतना पड़ता. फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित.
वहीं इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ एम के चौधरी ने बताया कि एंबुलेंस का संचालन लखनऊ से होता है. पीड़िता को फोन करने के बाद भी 1 घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली तो महिला को प्रसव हो गया. परिजन उसे ठेले पर लेकर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. जहां पर हमारे स्टॉफ ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. हमने इसकी जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है.
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